बिलासपुर (निप्र)। सेंटर फॉर रिजर्वेशन ऑफ इनडेंजर लैंगवेज के संबंध में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने एक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें भारत की ढाई सौ भाषाएं व बोलियां की विलुप्ति का खतरा बताया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ी भी शामिल है। इसके बाद केंद्र सरकार ने यूजीसी को इन भाषाओं व बोलियों के संरक्षण करने के लिए कहा है। पिछले दिनों दिल्ली में इस मामले...
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खेती की सुध कौन लेगा- धर्मेन्द्रपाल सिंह
जनसत्ता 1 अगस्त, 2014 : मौसम विभाग दावा कर रहा है कि वर्षा सामान्य से केवल दस प्रतिशत कम रहेगी। लेकिन बुआई का कीमती समय निकल जाने की भरपाई कैसे होगी, इसका जवाब उसके पास नहीं है। कृषि मंत्रालय ने एक जून से सत्रह जुलाई के बीच देश भर में धान, दलहन, सोयाबीन, कपास, मूंगफली आदि की बुआई का जो रकबा जारी किया है उसे देख कर लगता है कि इस...
More »कचरे को बना दिया कीमती संसाधन
कहानी है अमेरिका में मोटी तनख्वाह की नौकरी छोड़ स्वदेश लौटे मणि वाजपेयी और राज मदनगोपाल की. उन्होंने एक कंपनी बनायी ‘बैनयान नेशन'. इसके जरिये उन्होंने भारत में दिनोंदिन बढ़ते कचरे के प्रबंधन की दिशा में एक नयी इबारत लिखी है. सामाजिक उद्यम के रूप में स्थापित कंपनी उच्च तकनीक से लैस है. यह पारंपरिक ढंग से हट कर, छंटाई और रीसाइक्लिंग के जरिये कचरे का निबटान करता है. यह नव-उद्यम...
More »हिन्दी के विस्थापन का दौर- प्रभु जोशी
जनसत्ता 31 जुलाई, 2014 : अगर आप हिंदी को गरियाने के लिए आगे आने का नेक इरादा रखते हैं तो फिर निश्चिंत हो जाइए कि अब आप अकेले नहीं हैं, बल्कि वित्तीय पूंजी के इस सर्वग्रासी दौर में, नई-नई विचार प्रविधियों से, उपनिवेशीकृत बनाए जा रहे, भारतीय मध्यवर्ग के बुद्धिजीवियों की एक पूरी रेवड़ आपके पीछे दौड़ी चली आने वाली है। इस अनुगामिनी भीड़ को अगर आप थोड़े अतिरिक्त उन्माद...
More »शिक्षा में सजा नहीं, रचनात्मकता हो - अर्चना डालमिया
हमारे उपमहाद्वीप में दुनिया के लगभग 19 फीसदी बच्चे रहते हैं। देश की आबादी के एक-तिहाई से ज्यादा हिस्से की, करीब 44 करोड़ लोगों की उम्र 18 वर्ष से नीचे है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय के अध्ययन के मुताबिक इस आबादी में से 40 फीसदी को देखभाल और संरक्षण की जरूरत है। इससे पता चलता है कि देश में बच्चों को किस हद तक शारीरिक दुर्व्यवहार का सामना...
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