कोरबा, नईदुनिया न्यूज। मैं भी अन्य बच्चों की तरह सामान्य जिंदगी जीना चाहता हूं। स्कूल जाकर पढ़ाई करना चाहता हूं। बापू स्कूल नहीं जाने देते। जब घर में रहते हैं तो कुछ समय के लिए दरवाजा खोलते हैं। काम में जाने के पहले मुझे घर में बंद करके चले जाते हैं। यह बात कमरे के अंदर बंद 8 साल के सोनसाय पंडो ने दरवाजे के झरोखे से झांकते हुए कही। दरअसल...
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कल्याणकारी योजनाओं का ऑडिट कराएगी सरकार
दिल्ली सरकार के श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का सोशल ऑडिट कराया जाएगा। श्रम मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को बोर्ड की बैठक के बाद बताया कि श्रमिक योजनाओं पर किए गए खर्च का ऑडिट कराने के अलावा सरकार भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों का बीमा भी कराएगी। उन्होंने कहा कि इस कवायद का मकसद श्रमिक योजनाओं का श्रमिकों पर पड़ने वाले प्रभाव का भी अध्ययन...
More »ब्रिटेन और भारत की स्वास्थ्य सेवाएं-- आकार पटेल
यह आलेख मैं अपने टूट हुए पैर के साथ इंगलैंड के हर्टफोर्डशायर से लिख रहा हूं. मैं उस समय गेंदबाजी कर रहा था, जब मेरा बायां पैर भीतर की ओर मुड़ गया और मैं गिर पड़ा. नतीजा, मेरा टखना टूट गया. गिरने के बाद मुझे पता चला गया था कि मेरी समस्या गंभीर है. हालांकि, अपने मन को मनाने के लिए मैंने यह सोचना शुरू कर दिया कि मुझे...
More »जर्मन अर्थशास्त्री का दावा- भारत में नोटबंदी के पीछे है अमेरिका का हाथ
8 नवंबर को भारत में नोटबंदी का फैसला लागू हुआ था और 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। लोगों को पैसे बदलवाने के लिए बैंक और एटीएम की लाइनों में लगना पड़ा। लेकिन शायद किसी को यह भनक तक नहीं लगी होगी कि नोटबंदी के इस फैसले के पीछे अमेरिका का हाथ है। एक लेख में जर्मन अर्थशास्त्री नॉर्बर्ट हैरिंग ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा...
More »'किसी भी इकॉनॉमी का पूरी तरह से कैशलेस होना संभव नहीं'-- ज्यां द्रेज
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ कहते हैं कि किसी भी इकोनोमी का पूरी तरह से कैशलेस होना संभव नहीं है. वो कहते हैं कि आइडिया है लेस कैश. इससे आम लोगों को बहुत फायदा नहीं होने वाला है. थोड़ा बहुत ही लाभ हो तो हो. ये कोई क्रांतिकारी कदम किसी भी हिसाब से नहीं है. बीबीसी सहयोगी आलोक पुतुल ने ज्यां द्रेज़ से बात की. पूरी बातचीत सुनने के लिए यहांखटका लगायें ...
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