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मोदी के आरसीईपी पर अच्छे राजनीतिक कदम का मजाक न उड़ाएं, यह इन दिनों दुर्लभ है - योगेंद्र यादव

सात साल से चल रही बातचीत पर मंजूरी की मोहर लगाने के लिए बुलाए गए बैंकॉक सम्मेलन के ऐन बीच में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से बाहर रहने का फैसला लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय दिया है. आरसीईपी से बाहर रहना सचमुच बहुत बड़ा फैसला है. आरसीईपी मुक्त-व्यापार का कोई साधारण समझौता नहीं. यह चीन, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा पूर्वी एशिया...

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इस साल कम वृद्धि का आधार ही आर्थिक सूखे की समाप्ति को सुनिश्चित करेगा

भारतीय रिज़र्व बैंक, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विभिन्न रेटिंग एजेंसियां, निवेश बैंक और कई अन्य संस्थान आर्थिक वृद्धि के अपने पूर्वानुमानों में दनादन संशोधन कर रहे हैं. इनमें से लगभग सभी को इस वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत या इससे दशमलव एक या दो प्रतिशत कम-ज़्यादा रहने का भरोसा है. अधिकांश प्रेक्षक इस दर को निराशाजनक मानते हैं क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले...

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मंदी में आम जनता की बचत पर क्या असर होता है?

आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए बुरी ख़बरों के आने का सिलसिला थम नहीं रहा. चालू वित्त वर्ष में कई सेक्टर में जारी गिरावट के बाद विश्व बैंक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान छह फ़ीसदी से नीचे कर दिया है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास वृद्धि पाँच प्रतिशत पहुंचने और ऑटो सेक्टर में भारी सुस्ती के बाद सरकार ने कुछ उपायो की घोषणा की. सरकार...

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पीएमसी बैंक: चौथे खाताधारक की मौत, इलाज के लिए कथित तौर पर नहीं जुटा पाए थे पैसे

मुंबई: संकट में घिरे पंजाब एंड महाराष्ट्र (पीएमसी) बैंक के एक और खाताधारक की बीते शुक्रवार को मौत हो गई. मृतक के परिजनों का दावा है कि बैंक से जमापूंजी की निकासी नहीं हो पाने की वजह से खाताधारक अपना इलाज नहीं करा पाया. 83 वर्षीय मुरलीधर धर्रा की मौत मुंबई के उपनगरीय मुलुंद इलाके में स्थित आवास पर शुक्रवार को हुई. मृतक के पुत्र प्रेम धर्रा ने यह जानकारी दी. उन्होंने...

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बिहार में जानकारी की कमी से उपलब्धता के बावजूद बच्चों को नहीं मिल रहा पोषक आहार: रिपोर्ट

नई दिल्ली: बिहार में लोगों के घरों में विभिन्न प्रकार के पोषक आहार उपलब्ध होने के बावजूद जानकारी के अभाव में आठ महीने से डेढ़ साल तक के शिशुओं को उपुयक्त पोषक आहार नहीं मिल रहा है. एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. हालांकि पिछले एक साल में इस स्थिति में सुधार दर्ज किया गया है. यह रिपोर्ट केयर फाउंडेशन और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल इन इंडिया ने तैयार की है....

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