-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के सबसे अधिक प्रभावित 15 जिलों की जमीनी पड़ताल की और लंबी रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट को अलग-अलग कड़ियों में प्रकाशित किया जा रहा है। पहली कड़ी में आपने पढ़ा कि कैसे 15 जिले के गांव दूसरी लहर की चपेट में आए। दूसरी लहर में आपने पढ़ा अरुणाचल प्रदेश के सबसे प्रभावित जिले का हाल। तीसरी...
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वैश्विक कीमतों में भारी बढ़ोतरी से उर्वरकों की कमी के संकट की आशंका
-रूरल वॉइस, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक कीमतों में भारी बढ़ोतरी का दौर चल रहा है। चीन द्वारा यूरिया और डीएपी के निर्यात पर प्रतिबंध के फैसले के साथ ही बेलारूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाये गये आर्थिक प्रतिबंध इसकी बड़ी वजह बन रहे हैं। हालांकि चालू खरीफ सीजन में उर्वरकों की उपलब्धता का कोई कोई संकट नहीं है लेकिन तेजी से बढ़ती कीमतों के बीच उर्वरक कंपनियां आयात को टाल रही...
More »बीजेपी के जातिवाद से लड़ने के चलते मुझे पेगासस का निशाना बनाया गया : कोवई रामकृष्णन
-कारवां, 27 जुलाई को एक अंतरराष्ट्रीय जांच के हिस्से के रूप में दि वायर ने खुलासा किया कि कोवई रामकृष्णन का फोन नंबर उन 50000 फोन नंबरों में से एक है जिसकी इजरायली कंपनी एनएसओ के सॉफ्टवेयर पेगासास के जरिए जासूसी की जा रही है.पेगासस मैलवेयर है जो हैकर को फोन तक पहुंचने और उसकी निगरानी करने देता है. लीक हुए डेटाबेस फ्रांसीसी गैर-लाभकारी मीडिया संगठन फॉरबिडन स्टोरीज को प्राप्त हुआ था....
More »50 फीसदी बढ़ सकती हैं पानी में डूब कर मरने की घटनायें
-न्यूजलॉन्ड्री, क्या जलवायु परिवर्तन से प्रेरित एक्स्ट्रीम वेदर दुनिया में डूब कर होने वाली मौतों या घायल होने (ड्राउनिंग) की घटनाओं को बढ़ा रहा है. इस बात को पूरी तरह साबित करने के लिये अभी पुख्ता डाटा बेस उपलब्ध नहीं है लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि तार्किक आधार पर सोचा जाये तो इस ख़तरे से इनकार नहीं किया जा सकता. उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने अपनी एक रिपोर्ट में...
More »COVID-19 की पहली लहर के दौरान ग्रामीण बिहार में अधिकांश परिवारों को आजीविका संकट का सामना करना पड़ा!
मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी के अर्थशास्त्रियों और नई दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण आधारित शोध के अनुसार, महामारी की पहली लहर ने पिछले साल बिहार में ग्रामीण श्रमिकों (स्व-रोजगार सहित) की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव डाला था. अध्ययन के लेखकों द्वारा जारी एक हालिया प्रेसनोट से पता चलता है कि पिछले साल ग्रामीण बिहार में आजीविका...
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