वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की कोशिश की है. यह कोशिश सोमवार को लोकसभा में पेश वर्ष 2016-17 के बजट में दिखती भी है. किसानों से जुड़ी अनेक योजनाओं के लिए सरकार ने अपनी झोली खोल दी है. किसानों का ऋण कम करने के लिए 15 हजार करोड़ का एक कोष बनाने की घोषण एक अच्छी पहल है. पिछले दो-तीन साल से कम...
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किसानों के मन का बजट-- के सी त्यागी
बजट का इंतजार सबको है। खासकर ग्रामीण और कृषक वर्गों में इसकी बेसब्री ज्यादा है। उनके लिए यह बजट ‘रक्षक' या ‘भक्षक' की भूमिका निभाने वाला होगा, क्योंकि पिछले दो बजट में किसानों के लिए कुछ खास नहीं था। आम चुनाव के दौरान किए गए वादों ने उनमें खासा उत्साह भरा था, लेकिन धरातल अनछुआ रह गया। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने की...
More »मौसम की मार से निपटने के उपाय करे सरकार
बजट में किसान कई बातों के अलावा मौसम की मार से बचाव के उपाय भी चाहता है। वह बेहतर मौसम अनुमान, फसलों की समय से क्षतिपूर्ति, सीधी सब्सिडी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती की उम्मीदें रखता है। जानकार भी कहते हैं कि सरकार कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में भरपूर निवेश करे ताकि सूखे में स्थितियां नियंत्रण में बनी रहें। एक नजर- बजट 2016-17: क्या हैं उम्मीदें नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो किसानों...
More »बजट 2016-17: खेती को पानी मिले, किसानों को वाजिब दाम
हालांकि नई फसल बीमा योजना को प्रधानमंत्री ने "किसान की सारी मुसीबतों का समाधान" बताया है लेकिन लगातार दो दफे सूखे की चपेट में आई खेतिहर अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली नये बजट में फौरी तौर पर विशेष उपाय करने की मांग करती है.(देखें प्रधानमंत्री का भाषण) एक ऐसी स्थिति में जब कृषिगत सकल घरेलू उत्पाद में लगातार दो वित्तवर्षों (2014-15 में -2%, 2015-16 में 1.1%) में बड़ा मामूली इजाफा हुआ हो,...
More »ग्रामीण मांग बढ़ाने की जरूरत- बी के चतुर्वेदी
पिछले वर्ष जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने पहले पूर्ण बजट पर बोलने के लिए खड़े हुए थे, तब अनेक लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि वह कोई ऐसा नीतिगत दस्तावेज पेश करेंगे, जिससे मोदी सरकार के वायदों को पूरा करने की ठोस जमीन तैयार हो। इस बार जब वह बजट पेश करेंगे, तो अपेक्षाएं अचानक बहुत बदल गई हैं। राष्ट्र अब कुछ प्रमुख मुद्दों पर विश्वसनीय समाधान की...
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