1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
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भुखमरी में हम आगे, पर मुफ्त अनाज नहीं बांटेगी सरकार
नई दिल्ली. भुखमरी के कारण हमारे देश में पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका से ज्यादा मौतें होती हैं। फिर भी सरकार के पास मुफ्त खाद्यान्न बांटने का कोई प्रस्ताव नहीं है। कृषि, उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री प्रो. केवी थॉमस ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का जिक्र किया। अक्टूबर 2010 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल हंगर सूचकांक में भारत के 24.1 अंक हैं। इस...
More »खाद्य सुरक्षा क़ानून में विसंगतियां
इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) और सरकार का अंतरद्वंद्व खुलकर सार्वजनिक रूप से उजागर हो गया है। ज़्यां द्रेज़ का मानना है कि एनएसी ने चार महीनों की मेहनत के बाद जिस मसौदे को अंतिम रूप दिया है उससे खाद्य सुरक्षा का वादा पूरा कर पाने में सरकार विफल ही रहेगी। मसौदे को एक निराशाजनक दस्तावेज़ करार देते हुए उन्होंने इससे कड़े शब्दों में अपनी असहमति...
More »किसानों को साहूकारों से मुक्त कराए आरबीआई : सुखबीर
जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक से आग्रह किया कि वह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर कृषि ऋण आदान-प्रदान योजना का तीव्र प्रोत्साहित करने के लिए जोर दे, ताकि किसानों को साहूकारों के मकड़जाल से मुक्त कराया जा सके। उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने यह मामला वीरवार को उस समय उठाया, जब भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) के गर्वनर डा. डी. सुब्बाराव ने उनके साथ मुलाकात की। उपमुख्यमंत्री ने...
More »मणिपुर के बच्चे कहाँ जाएं
मणिपुर में उग्रवाद और उग्रवाद के विरोध में जारी हिसंक गतिविधियों के चलते बीते कई दशकों से बच्चे हिंसा की कीमत चुके रहे हैं. यह सीधे तौर से गोलियों और अप्रत्यक्ष तौर से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण की तरफ धकेले जा रहे हैं. राज्य में स्थितियां तनावपूर्ण होते हुए भी कई बार नियंत्रण में तो बन जाती हैं, मगर स्कूल और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी ढ़ांचे कुछ इस तरह से चरमराए हैं...
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