SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 386

एनएच व मनरेगा में हकमारी-।। रामनरेश चौरसिया ।।

पटना : केंद्र यदि बिहार की अनदेखी न करे, तो बिहार नेशनल हाइवे के मामले में भी विकसित राज्यों की बराबरी कर सकता है. राज्य में नेशनल हाइवे का वैसे ही संकट है, उस पर सिंगल नेशनल हाइवे भी यहां सबसे अधिक है. दूसरे राज्यों में, जहां फोर और सिक्स लेनवाले नेशनल हाइवे का निर्माण हो रहा है, वहीं बिहार में आज भी 839 किलोमीटर सिंगल रोडवाले एनएच हैं. सिंगल रोडवाले नेशनल...

More »

यह नया कितना पुराना- कुमार प्रशांत

जनसत्ता 14 अगस्त, 2012: देश को नए मंत्री मिल गए हैं। देश की गहरी समस्याओं के जनक रहे पुराने लोग नई पोशाकों में आ खड़े हुए हैं। देखते हैं तो उनके हाथों में तलवारें भी वही बाबाआदम के जमाने की हैं- कागजी! सारे देश में सूखा पड़ा है और अभी अचानक बिजली चले जाने का नया रोग भी गहरा अंधेरा बनाने लगा है। इसे अगर एक प्रतीक से जोड़ कर...

More »

क्या कैश-ट्रांसफर के लिए पीडीएस को खत्म किया जा सकता है?

अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...

More »

प्राइमरी एग्रीकल्चर डेवेलपमेंट बैंक में 13.40 करोड़ का घोटाला- अमरेंद्र मिश्रा

होशियारपुर. प्राइमरी एग्रीकल्चर डिवेलपमेंट (पीएडी) बैंक में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 13 करोड़ 40 लाख, 70 हजार रुपए का लोन जारी करने का मामला तूल पकड़ गया है। प्रारंभिक जांच में संदेह के घेरे में आए अब तक तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। वीरवार की दोपहर जांच टीम बैंक पहुंची। बताया जा रहा था कि विजिलैंस टीम आई है लेकिन बाद में पता चला कि जांच के लिए...

More »

कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण

  उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्‍बन्‍धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close