भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...
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बैंकों को संभालें तो सुधरेगी इकोनॉमी-- यशवंत सिंन्हा
भारत में बैंक खासतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत अच्छी नहीं है। इसका विस्तृत ब्योरा हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ताज़ा वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में दिया है। इस रिपोर्ट के कुछ तथ्य हमें आगाह करते हैं। हमें मालूम है कि भारतीय व्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है। चूंकि बैंक अर्थव्यवस्था में सहायक भूमिका निभाते हैं, इसलिए खराब होती अर्थव्यवस्था के...
More »‘घर से काम’ भी है एक विकल्प-- अभिषेक कुमार
दिल्ली में पहली जनवरी से कारों के प्रवेश के लिए उनके सम-विषम नंबर को आधार बनाकर फिलहाल 15 दिनों के लिए जो फॉर्मूला लागू किया गया है, उससे बढ़ते प्रदूषण की समस्या पर कुछ लगाम लगने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि कई निजी कंपनियों और यहां तक कि विदेशी दूतावासों की तरफ से इस बारे में यह कहकर इस पर आपत्ति की गई है कि अगर इस फॉर्मूले...
More »किसानों के 12 लाख के धान में मारी डंडी
कोरबा। सूखे की मार झेल दाना- दाना सहेज कर किसी तरह धान खरीदी केंद्र तक पहुंच रहे किसानों को यहां भी छला जा रहा है। एक बारदाने का वजन 580 ग्राम ही निकल रहा, जबकि बारदाने के नाम पर 700 ग्राम से अधिक धान लिया जा रहा। 28 दिसम्बर तक हुई धान खरीदी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 846.40 क्विंटल अधिक धान किसानों से लिया जा चुका है।...
More »सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
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