SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 544

एक जुलाई से आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा पर विचार

रांची : खाद्य सुरक्षा की तैयारी को शनिवार को कमतर बताते हुए एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम शुरू करने से इनकार करने वाले केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान रविवार को नरम दिखे. होटल बीएनआर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरयू राय ने आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा की तैयारी पूरी कर लेने की बात कही है. झारखंड के कुछ जिलों में नक्सल समस्या भी है....

More »

पहचान छिपाने की मजबूरी देता समाज

छुआछूत को कानूनी तौर पर खत्म किए जाने के 65 साल बाद भी देश का चौथा नागरिक किसी-न-किसी रूप में इसके अनुभवों से गुजर चुका है। एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। यह सर्वे राष्ट्रीय व्यावहारिक आर्थिक अनुसंधान परिषद और मैरीलैंड यूनिवर्सिटी, अमेरिका ने किया है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि छुआछूत विरोधी तमाम कड़े कानून बनने के बाद हम उससे मुक्त नहीं हो पाए...

More »

मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)

पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया.  जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...

More »

राजनीतिक बिसात पर आंबेडकर- कुमार प्रशांत

बिहार का आसन्न चुनाव कितने नये रंग बिखेर रहा है! एक नया परिवार ही जन्म लेने, न लेने के पसोपेश में पड़ा है, तो एक नया आंबेडकर भी पूजा के स्थान पर प्रतिष्ठित किया जा रहा है.  यह कितना अजीब है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिन्होंने कभी भाग नहीं लिया; जो आजादी की लड़ाई में कभी जेल नहीं गये; आजादी की लड़ाई की जगह जिन्होंने वॉयसराय के दरबार की...

More »

बाबा साहेब का सपना - सतीश देशपांडे

हमारे समय की विडंबना है कि एक युग-व्यापी समाज चिंतक की भूमिका में डॉ बाबा साहेब आंबेडकर के ‘अच्छे दिन' अब आते लग रहे हैं। उनके एक सौ चौबीसवें जन्मदिन के अवसर पर हम उनकी बढ़ती प्रासंगिकता में यह सांत्वना ढूंढ़ सकते हैं कि हमारे पश्चिम-परस्त, ब्राह्मणवादी बुद्धिजीवी जगत में देर है अंधेर नहीं। आधी सदी की ‘रुकावट' के लिए खेद है, मगर देर-सवेर डॉक्टर साहेब को अपना मुनासिब स्थान...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close