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आप भी शुरू करें अपना रेडियो स्टेशन- आर के नीरद

मित्रों, पिछले अंक में हमने बात कि कैसे आप भी अपना अखबार निकाल सकते हैं और उसके जरिये गांव-पंचायत में बदलाव ला सकते हैं. इस अंक में हम बात कर रहे हैं सामुदायिक रेडियो की. आप जानते हैं कि जब गांवों में अखबार नहीं पहुंचा था, तब रेडियो ही लोगों के मनोरंजन, ज्ञान और सूचना का बड़ा माध्यम था. आज भी वहां रेडियो के कार्यक्रम और समाचार सुने जाते हैं,...

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गांवों के विकास में उद्योगों की साझेदारी -डॉ. अनिल प्रकाश जोशी

दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जब यूरोप की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई, उस समय उद्योगों को मूलमंत्र मानकर विकास की रूपरेखा तैयार की गई। इसी समय दो बड़े परिवर्तन भी हुए। पहला, विकास की परिभाषा इस तरह गढ़ दी गई, जिसका सीधा-सीधा मतलब था कि उद्योग और उससे जुड़े तमाम आयामों को ही विकास मान लिया जाए। दूसरा, इसके बाद ही भोगवादी सभ्यता का चलन बढ़ा। अपने देश ने भी स्वतंत्रता के बाद...

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कचरे को बना दिया कीमती संसाधन

कहानी है अमेरिका में मोटी तनख्वाह की नौकरी छोड़ स्वदेश लौटे मणि वाजपेयी और राज मदनगोपाल की. उन्होंने एक कंपनी बनायी ‘बैनयान नेशन'. इसके जरिये उन्होंने भारत में दिनोंदिन बढ़ते कचरे के प्रबंधन की दिशा में एक नयी इबारत लिखी है. सामाजिक उद्यम के रूप में स्थापित कंपनी उच्च तकनीक से लैस है. यह पारंपरिक ढंग से हट कर, छंटाई और रीसाइक्लिंग के जरिये कचरे का निबटान करता है. यह नव-उद्यम...

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PPP पर ग्रोथ का दारोमदार लेकि‍न वि‍त्‍त मंत्रालय ने ही उठाए कई सवाल

नई दि‍ल्‍ली। वि‍त्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में सार्वजनि‍क नि‍जी भागीदारी (पीपीपी) पर बड़ा दांव तो लगा दि‍या है लेकि‍न इस व्‍यवस्‍था पर अब वि‍त्‍त मंत्रालय ने ही कई सवाल खड़े कर दि‍ए हैं। वि‍त्‍त सचि‍व अरविंद मायाराम ने नि‍जी कंपनि‍यों पर आरोप लगाया है कि‍ ये प्रोजेक्‍ट्स की ऊंची बोलि‍यां लगाती हैं। पि‍छले दि‍नों कैग की रि‍पोर्ट में भी यह कहा गया था कि‍ नि‍जी कंपनि‍यां प्रोजेक्‍ट्स...

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बबुआ से बड़ा झुनझुना- विनोद कुमार

जनसत्ता 21 जुलाई, 2014 : आजादी के बाद हमने वयस्क मताधिकार पर आधारित भारतीय गणराज्य की स्थापना की। मूल अवधारणा यह रही कि हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसके केंद्र में रहेगा देश का नागरिक। विधायिका उसके हित में कानून बनाएगी, कार्यपालिका उन कानूनों के दायरे में नागरिकों को एक विधि-सम्मत सुशासन मुहैया कराएगी, सेना बाह्य दुश्मनों से देश की सुरक्षा की गारंटी करेगी, पुलिस नागरिकों के जान-माल की रक्षा करेगी।...

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