महोबा। तंगहाली के कारण भुखमरी से जूझ रहे किसान प्रकृति प्रकोप के चलते टूटते चले जा रहे हैं। मंगलवार को बैंक का अचानक आया नोटिस देखकर श्रीनगर के अतरारमाफ के रहने वाले किसान कलूटा की सदमे से मौत हो गई। घटना से परिवारीजन में कोहराम मचा है। अतरारमाफ निवासी कलूटा ने वर्ष 2009 में त्रिवेणी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ननौरा से एक लाख 33 हजार का केसीसी बनवाया था। कभी सूखा तो...
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जल प्रबंधन से बन गयी अंतरराष्ट्रीय पहचान- राहुल सिंह
वे अखबार नहीं पढ़ सकते. दो-चार पांच पंक्तियां लिख नहीं सकते. अगर कोई सामान्य बात भी लिखवाना हो तो किसी दूसरे की मदद लेते हैं. किसी तरह अपना हस्ताक्षर कर लेते हैं या एकाध टूटी-फूटी पंक्ति लिख लेते हैं. लेकिन उन पर दुनिया के प्रख्यात विश्वविद्यालय कैंब्रिज के छात्र भी शोध करते हैं. अपनी पीएचडी की थिसिस में उनके कार्यो व पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण विकास के लिए उनके...
More »साक्षात्कार:पर्यावरण को लेकर सरकार व समाज हो जागरूक
जंगल, जमीन हवा आदि प्रदूषित होते जा रहे हैं. धरती से लेकर आकाश तक कचरों को ढेर लगता जा रहा है. इसे लेकर दुनिया भर में चिंता व्यक्त की जा रही है. यह परिस्थिति कितनी गंभीर है और इससे कैसे निबटा जा सकता है, इन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद डॉ अरविंद कुमार से संदीप कुमार ने बातचीत की. डॉ कुमार मगध विश्वविद्यालय, बोध गया व विनोवा भावे विश्वविद्यालय...
More »महंगाई रोकने की मुहिम में केंद्र सरकार को लग सकता है झटका
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। महंगाई रोकने की मोदी सरकार की प्रस्तावित मुहिम को सूखे की आशंका से झटका लग सकता है। नए कृषि व खाद्य मंत्रियों के लिए सूखा पहली चुनौती होगा। समुद्र में बन रही आफत अलनीनो से भारतीय उपमहाद्वीप में मानसून के प्रभावित होने का खतरा है। बारिश के बादल भले ही न आएं, मगर खरीफ फसलों पर संकट के बादल जरूर छा गए हैं। इससे महंगाई से...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
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