शिमला प्रदेश में 2284 विशेष बच्चों को अब तक स्कूल नहीं पहुंचाया जा सका है। वजह यह कि ये बच्चे स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। इन बच्चों के लिए 550 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से होम बेस्ड प्रोग्राम चलाया जा रहा है। प्रदेश में 11,871 बच्चे विकलांगता के शिकार हैं। 2284 स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने मंडे मुलाकात के दौरान...
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.ताकि सर उठा के जिए हर विशेष बच्चा
शिमला प्रदेश में 2284 विशेष बच्चों को अब तक स्कूल नहीं पहुंचाया जा सका है। वजह यह कि ये बच्चे स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। इन बच्चों के लिए 550 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से होम बेस्ड प्रोग्राम चलाया जा रहा है। प्रदेश में 11,871 बच्चे विकलांगता के शिकार हैं। 2284 स्कूल जाने की स्थिति में नहीं हैं। सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने मंडे मुलाकात के दौरान...
More »बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »एक समान शिक्षा का विकल्प शिरीष खरे
‘स्कूल चले हम’ कहते वक्त अलग-अलग स्कूलों में पल रही गैरबराबरी पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता. एक ओर जहां क, ख, ग लिखने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नही पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ चंद बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी ईमारत, अंग्रेजी माध्यम और शिक्षा की जरूरी व्यवस्थाओं का फायदा उठा रहे हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय हैं, सैनिको के बच्चों के लिए सैनिक स्कूल हैं, तो...
More »माताओं-शिशुओं की देखभाल को ई-महतारी योजना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए ई महतारी योजना शुरू की जा रही है, जिसके तहत राज्य में माताओं और शिशुओं की जानकारी की प्रणाली हाईटेक हो जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल की प्रणाली को हाईटेक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग...
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