खरीफ की मुख्य फसलों के सकल बुवाई क्षेत्र में पिछले खरीफ मौसम की तुलना में इस बार बढोत्तरी हुई है और सर्वाधिक उल्लेखनीय वृद्धि दलहन के रकबे में हुई है. इस माह जारी कृषि मंत्रालय के एक दस्तावेज के मुताबिक चावल, दाल और मोटहन की बुवाई का रकबा पिछले खरीफ सीजन(जुलाई से अक्तूबर 2015-16) की तुलना में इस बार 4.2 फीसद ज्यादा है.(देखें नीचे दी गई लिंक) दलहन का सकल बुवाई...
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किराए की कोख और कानून-- सुधा सिंह
सरोगेसी विधेयक पर हर तरह की राय आ रही है। अन्य देशों का हवाला दिया जा रहा है जहां सरोगेसी पर पाबंदी है, विशेषकर यूरोपीय देशों का। मोटे तौर पर सरोगेसी दरअसल ऐसे दंपति को संतान का सुख देने का जरिया है जहां स्त्री किसी कारण से गर्भधारण नहीं कर सकती, लेकिन जिन्हें अपनी जैविक संतान, कुछ समान जिनेटिक गुणों के साथ, चाहिए। ऐसे में महिला का अंडा और...
More »इस साल आर्थिक वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहेगी: रिजर्व बैंक
मुंबई: भारत का निकट भविष्य में आर्थिक वृद्धि परिदृश्य पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बेहतर नजर आता है और वर्ष 2016-17 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है. बैंक की 2015-16 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वर्ष 2016-17 में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले साल हासिल...
More »लुप्त होती तटीय सुरक्षा पंक्ति--- रमेश कुमार दुबे
इस साल अच्छी मानसूनी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इस बाढ़ की वजह अच्छी बारिश उतनी नहीं है जितनी कि विकास की अंधी दौड़ में पानी के कुदरती निकासी तंत्र को भुला दिया जाना। शहरों का विकास नदियों के बाढ़ क्षेत्रों, तालाबों व समीपवर्ती कृषि भूमि की कीमत पर हो रहा है। शहरों के...
More »देश में कुपोषण की कड़िया--- श्रीशचंद्र मिश्र
ओड़िशा के जाजपुर जिले के एक छोटे-से आदिवासी बहुल गांव में इस साल मार्च से जून के बीच कुपोषण से बारह बच्चों की मौत हो गई। पौने तीन सौ की आबादी वाले इस गांव में पांच से बारह साल के तिरासी बच्चों में एक तिहाई से ज्यादा का कुपोषित होना एक बड़े खतरे की तरफ संकेत करता है। यह तस्वीर का सिर्फ एक पहलू है। असल स्थिति क्या है, इसका...
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