संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर लीस ग्रैंड का कहना है कि भारत गरीबी उन्मूलन के संयुक्त राष्ट्र के सहस्नब्दी विकास लक्ष्य की दिशा में ‘उचित गति' से अग्रसर है और 2015 तक इसे प्राप्त कर लेगा. उनके कथन का आधार संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा तैयार करायी गयी वह रिपोर्ट है, जिसके अनुसार देश में व्यापक स्तर पर फैली गरीबी 1994 के 49 प्रतिशत से घट कर 2005 में 42 प्रतिशत...
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भोजन के वादे की हकीकत ।। देविंदर शर्मा ।।
खाद्य सुरक्षा कानून संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. अब हर नागरिक को ‘भोजन का अधिकार' हासिल करने में सरकार मददगार की भूमिका निभायेगी. हालांकि, केंद्र सरकार पिछले कई वर्षो से इस कानून को लाने की कवायद में जुटी थी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह फैसला चुनाव नजदीक आते देख लिया गया है. इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष और इस कानून से किन्हें...
More »दलालों व बैंककर्मियों ने मिलकर लूटी राशि
मुजफ्फरपुर, कासं : पहले तो दलालों ने इंदिरा आवास दिलाने के नाम पर लाभुकों से 500-500 रुपये लिए। दो-दो फोटो लेकर आवास दिलाने का पक्का भरोसा दिलाया। मगर, प्रखंड के कर्मचारियों व बैंककर्मियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तखत व अंगूठा लगाकर पूरी राशि गटक ली। यह मामला है सकरा प्रखंड की बाजी बुजुर्ग पंचायत का। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी की जांच के बाद फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। उन्होंने दलालों, प्रखंडकर्मियों व बैंककर्मियों...
More »जहां महिलाओं का होना चाहिए पहरा, वहां पुरुष थानेदार का है कब्ज़ा!
रांची। झारखंड के आधे से ज्यादा जिलों में चल रहे महिला थानों की कमान पुरुष प्रभारियों के हाथ में है। कई थानों में सहयोगी पुलिसकर्मियों में भी पुरुषों की संख्या अच्छी-खासी है। इससे महिला थानों की स्थापना का उद्देश्य ही बेमानी हो रहा है। महिला भुक्तभोगियों को उनके लिए स्थापित थानों का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, इन सबके बीच देवघर जिले में महिला थाने ने अपनी अलग...
More »भारतीय कंपनियों के बार्डरुम में दलित कहां हैं?
सोचकर बताइए कि स्टॉक-एक्सचेंज में सूचीबद्ध भारत की निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के बोर्डरुम में दलित या फिर आदिवासी समुदाय के व्यक्ति कितने फीसदी होंगे ? हैरतअंगेज चाहे जितना लगे लेकिन आंकड़ा कहता है लगभग ना के बराबर यानि शून्य। डी अजित, हान डोनकर और रवि सक्सेना द्वारा किए एक अध्ययन का खुलासा है कि एक ऐसे वक्त में जब जातीय और नस्ली गैरबराबरी के मुद्दे पूरी...
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