आम तौर पर पढ़ी-लिखी महिलाएं खेतीबारी में कम ही रुचि रखती हैं. उनका रुझान दूसरे कार्यो की ओर अधिक होता है. बबीता कश्यप इस मामले में अपवाद हैं. उन्होंने खेती की ओर रुख किया और गांव-गांव में महिलाओं को इससे जोड़ने का अभियान छेड़ा. बबीता ने रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती को अपनाया. 2005 में रामगढ़ से एकाउंट ऑनर्स की पढ़ाई पूरी करने वाली बबीता हमेशा कुछ नया करने...
More »SEARCH RESULT
कटते जंगल किसका मंगल- मुस्कान
जनसत्ता 8 फरवरी, 2014 : विकास के पूंजीवादी-नवउदारवादी मॉडल की कुछ खास तरह की जरूरतें होती हैं। या कहें कि यह मॉडल आर्थिक संवृद्धि के एवज में कुछ खास बलिदानों की मांग करता है। हम देखते हैं कि भारत सरीखे अधिकतर विकासशील देश इन बलिदानों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अब सवाल है कि विकास की प्रचलित अवधारणा किन बलिदानों की मांग करती है? और ये बलि के बकरे...
More »प्राइवेट स्कूलों में नहीं मिल रहा गरीब बच्चों को एडमिशन
रायपुर. प्रदेश में शिक्षा के अधिकार नियम का पालन प्राइवेट स्कूलों द्वारा न करने का मामला गूंजा। कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि ऐसे निजी स्कूलों को बंद करा दिया जाए जो कानून का पालन नहीं करते। उन्होंने कहा कि राजकुमार कालेज में एक बच्चे मोहम्मद अनस को एडमिशन के लिए डीईओ ने छह बार लिखा, बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने निर्देश दिया।...
More »खुद बनायें गांवों की खुशहाली की योजना
पिछले महीने भारत सरकार ने पंचायतों के लिए निर्देश जारी किया है कि वे जनवरी और फरवरी महीने के दरम्यान अपने गांवों में आर्थिक कल्याण के मसले पर एक ग्राम सभा जरूर करें. इस निर्देश में जिक्र है कि इस मौके पर कृषि, पशुपालन, मनरेगा, आजीविका मिशन, बागवानी, मत्स्य पालन, बीआरजीएफ, जलछाजन, मृदा संरक्षण, सिंचाई, विद्युतीकरण, हथकरघा, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंसकरण, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम आदि के अधिकारी ग्राम सभा में जरूर...
More »संविधान ने दी गांव के आम लोगों को बड़ी ताकत
देश में हाल के दिनों में गणतंत्र दिवस को लेकर लोगों के मन में एक अलग तरह का दुराव पैदा हो गया है. लोगों को लगता है कि गणतंत्र दिवस मनाना बेकार बात है, झंडा फहराने और परेड करने से क्या फर्क पड़ता है. मगर पिछले दिनों एक दलित महिला विचारक ने कहा कि देश के सभी वंचितों को गणतंत्र दिवस जरूर मनाना चाहिये, क्योंकि इस देश के लोगों को आजादी...
More »