रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रसव की वेदना झेल रहीं करीब महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल की सुविधा नहीं मिल पा रही है। राज्य में पिछले एक साल में तीन लाख 14 हजार से अधिक प्रसव हुए। इनमें से 80 हजार 591 महिलाओं की डिलिवरी अस्पताल में न होकर घर में हुई। सरकारी भाषा में इसे गैर संस्थागत प्रसव कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में यह स्थिति ऐसे समय पर है, जब...
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बीजापुर : गांवों में इलाज के लिए करना पड़ता है 25 किमी का सफर
बीजापुर(निप्र)। अंतिम गांव और अंतिम मकान तक विकास के सरकारी दावे महज कागजों और दिवारों तक ही सिमट कर रह गए हैं। बीजापुर जिले में आज भी दर्जनों गांव ऐसे हैं जो सरकार की पहुंच से कोसों दूर हैं इन्ही गांवों में रेडडी, चिन्ना जोजेर, पेददा जोजेर, कमकानार, चोखनपाल और पुसनार जैसे गांवों भी शामिल हैं। जहां सरकार तो क्या सरकार का कोई नुमाइंदा भी पिछले बीस वर्षों से नहीं पहुंच...
More »छत्तीसगढ़- स्वास्थ्य बजट 22 सौ करोड़, लेकिन डॉक्टर्स के 1608 पद खाली
रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य बजट में बीते 4 साल में 900 करोड़ का इजाफा हुआ है। अत्याधुनिक मशीनों, उपकरणों की लगातार खरीदी हो रही है। दवाओं से गोदाम भरे हैं। नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। लेकिन कमी है तो सिर्फ डॉक्टर्स (चिकित्सक) की, विशेषज्ञों (स्पेशलिस्ट) की। क्योंकि इनके बिना कोई इलाज मुमकिन नहीं। दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ के बड़े इलाज जिनमें...
More »आज से बदलेगा बहुत कुछ : जेब पर पड़ेगा सीधा असर
नयी दिल्ली : नया वित्त वर्ष (2015-16) बुधवार से शुरू हो रहा है. रेल व आम बजट में घोषित नये नियम एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं. इनमें से कुछ बदलाव आपके लिए राहत भी लेकर आ रहे हैं, लेकिन कई मामलों में आपकी जेब भी खूब ढीली होगी. आपके अप्रेजल के अलावा आपकी जिंदगी में एक अप्रैल से क्या बदलने वाला है, फिर भी जिंदगी तो चलती ही रहेगी. आइए...
More »रिपोर्ट में खुलासा : कुपोषण से नहीं उबर पा रहे 44 फीसदी मासूम
शशिकांत तिवारी, भोपाल। प्रदेश में 44 फीसदी बच्चे कुपोषण से नहीं उबर पा रहे हैं। जबकि इन्हें शासन द्वारा पोषण, इलाज समेत सारी सुविधाएं दी जा रही हैं। कई जिलों में तो ऐसे बच्चों की संख्या एक तिहाई तक पहुंच गई है। इस मामले में राजधानी की स्थिति तो और भी बुरी है। यहां पोषण पुनर्वास केंद्रों (एनआरसी) में भर्ती बच्चों में से 47 फीसदी ही कुपोषण को मात दे...
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