भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
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हमारी खेती अमेरिका से अच्छी- वंदना शिवा
वंदना शिवा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खेती के सवाल पर लगातार लड़नेवाली लड़ाका हैं. वे इंटरनेशनल फोरम आन ग्लोबलाईजेशन की सदस्य हैं. उनसे एक महत्वपूर्ण बातचीत.विस्फोट डाट कॉम से साभार) दूसरी हरित क्रांति की बात हो रही है. आपकी असहमति और सहमति किसरूप में रेखांकित होती है? मैंनेजब 1984 में हरित क्रांति का विरोध शुरू किया था तो इसके पीछे एक मकसद था। कहा जाताथा कि पंजाब में हरित क्रांति से...
More »खुले में ही गेहूं भंडारण को एफसीआई मजबूर
जागरण ब्यूरो [नई दिल्ली]। भारतीय खाद्य निगम [एफसीआई] ने मान लिया है कि चालू रबी सीजन में खरीदे जा रहे गेहूं के लिए गोदाम उपलब्ध नहीं होंगे। उसके पास सिर्फ 46 लाख टन अनाज के भंडारण के लिए गोदाम हैं, जबकि चालू सीजन में 262 लाख टन गेहूं की खरीद होनी है। यानी गेहूं का भंडारण खुले में ही जैसे-तैसे किया जा सकता है। पंजाब और हरियाणा में अभी भी 67 लाख टन अनाज...
More »धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
More »एपीएल के लिए खाद्यान्न कीमतों में वृद्धि टली
नई दिल्ली। सरकार ने गरीबी रेखा के उपर [एपीएल] के 11.52 करोड़ परिवारों के लिए आवंटित किए जाने वाले गेहूं और चावल की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को संभवत: स्थगित कर दिया है। सूत्रों ने कहा कि सरकार ने खाद्य मंत्रालय की ओर से रखे गए इस आशय के प्रस्ताव को टाल दिया है। इस प्रस्ताव के तहत राशन की दुकानों के जरिए एपीएल परिवारों को बेचे जाने वाले गेहूं और चावल की कीमतों...
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