नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नीति आयोग के पुनर्गठन को मंजूरी दी. यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार डॉ राजीव कुमार को फिर से उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि गृहमंत्री अमित शाह पदेन सदस्य होंगे. प्रधानमंत्री आयोग के अध्यक्ष होते हैं. आयोग के पदेन सदस्यों में शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास...
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नारों के हिंडोले और हमारी हकीकत-- शशिशेखर
अपनी 72 साला आजादी में भारत ने कुलजमा 16 आम चुनाव देखे हैं। इसके बावजूद सवाल कायम है कि हमारा लोकतंत्र सही दिशा में बढ़ रहा है या नहीं? क्या वजह है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने विशाल आकार को अभी वांछित प्रकार से व्यवस्थित नहीं कर सका है? बताने की जरूरत नहीं कि आजादी के बाद पहला आम चुनाव 1951-52 में हुआ था। उस समय हिन्दुस्तान का...
More »गुजरात में बीते 30 सालों का सबसे भीषण सूखा
कच्छ/बनासकांठाः कच्छ और उत्तर गुजरात में आमतौर पर यह कहा जाता है कि हर तीन से चार साल में सूखा आम बात है लेकिन इन दोनों शुष्क क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने इस तरह से जीवनयापन करना सीख लिया है, लेकिन इस साल की स्थिति अपवाद है. सरकार भी यह मानती है कि राज्य में मौजूदा सूखे की स्थिति बीते 30 सालों में सबसे ख़राब है. मानसून के दौरान कच्छ...
More »हरियाणा मेवात आकर सारे जुमले, सारे न्याय फेल हो जाते हैं- ज्योति यादव
मेवात: नीति आयोग ने पिछले साल विकास के लिए 101 ज़िले चुने थे जो देश के सबसे पिछड़े क्षेत्र थे जहां मूल भूत सुविधाओं का भारी अभाव था. हरियाणा का मेवात (अब नूह) इन सारे चुने गए ज़िलों में सबसे पिछड़ा था. आयोग के मुताबिक नक्सल प्रभावित एरिया बस्तर और गढ़चिरौली से भी ज़्यादा पिछड़ा है नूह. यानी देश का सबसे पिछड़ा एरिया. मेवात इलाके में लोकसभा चुनाव को लेकर उदासीनता...
More »चुनाव चर्चा से नदारद पुलिस सुधार- विभूति नारायण राय
आगामी आम चुनाव को लेकर सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं और इन सभी में एक समान अनुपस्थिति आपका ध्यान आकर्षित कर सकती है। किसी भी दल ने पुलिस सुधारों पर एक भी पंक्ति लिखने की जरूरत नहीं समझी। पहले की ही तरह इस बार भी किसी को यह जरूरी नहीं लगा कि जिस संस्था से जनता का रोजमर्रा की जिंदगी में सबसे ज्यादा वास्ता पड़ता...
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