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कार्यशैली और नतीजों का पेच -- आकार पटेल

आम चुनाव के ठीक पहले, अप्रैल, 2014 में सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका मधु पुर्णिमा किश्वर ने भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लंबा साक्षात्कार रिकॉर्ड किया था. तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और नरेंद्र मोदी ने उस साक्षात्कार के दौरान अपने और अपनी कार्यशैली के बारे में कुछ ऐसी बातें मधु किश्वर को बतायी थीं, जो मुझे काफी दिलचस्प लगी थीं.     उस साक्षात्कार को देखते हुए मैंने तब उनकी कही...

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ऑल-राउंडर थे चो रामास्वामी -- राजदीप सरदेसाई

तमिल पत्रिका ‘तुगलक' की शुरुआत करनेवाले और उसके संपादक रहे मशहूर पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक ‘चो रामास्वामी' (श्रीनिवास अय्यर रामास्वामी) का कल सुबह चेन्नई के अस्पताल में निधन पत्रकारिता जैसे जिम्मेवार जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है. जाहिर है, इस दौर में इस नुकसान की भरपाई बहुत मुश्किल है. चो रामास्वामी की शख्सीयत सिर्फ एक पत्रकार या संपादक तक सीमित नहीं थी, बल्कि बहुमुखी प्रतिभा के स्तर पर उनके...

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टूटना चाहिए तीन तलाक का मिथक - रामिश सिद्दीकी

आज देशभर में एक चर्चा ने फिर से तेजी पकड़ ली है। चर्चा का विषय है समान नागरिक संहिता। देश में यह मुद्दा नया नहीं है। इसका लंबा इतिहास है। अनेक लोग समान नागरिक संहिता को भारतीय जनता पार्टी का आविष्कार समझते हैं, पर उन्हें यह जानकर हैरानी होगी कि समान नागरिक संहिता का सबसे पहला जिक्र 1928 में नेहरू रिपोर्ट में मिलता है। यह रिपोर्ट भारत के संविधान का...

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डेंगू पर निर्देशों का पालन नहीं होने पर लगेगा जुर्माना: एनजीटी

नई दिल्ली। राजधानी में दो माह से जारी डेंगू व चिकनगुनिया के प्रकोप पर दिल्ली सरकार द्वारा स्टेटस रिपोर्ट दायर न करने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नाराजगी जताई है। एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार की पीठ ने स्पष्ट कहा कि सभी सिविक एजेंसियां 21 सितंबर को उनके द्वारा जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें अन्यथा प्रत्येक सरकारी विभाग पर पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की...

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लोकतांत्रिक राजशाही का नया दौर - प्रदीप सिंह

लोकतंत्र दुनिया की सर्वोत्तम व्यवस्था नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि शासन व्यवस्था का इससे बेहतर कोई विकल्प भी नहीं है। इसलिए यह व्यवस्था अपनी तमाम खामियों के बावजूद ज्यादातर देशों में चल रही है। भारत ने भी आजादी के बाद संसदीय लोकतंत्र के रास्ते पर चलने का फैसला किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। संसदीय जनतंत्र के प्रति पंडित नेहरू की प्रतिबद्धता पर शायद...

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