शिमला . प्रदेश में उद्योगों से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को यहां-वहां फेंका जा रहा है। इस पर चेक के लिए सरकार कोई कड़े कदम नहीं उठा रही है। प्रतिमाह 850 औद्योगिक इकाइयों से करीब पांच हजार मीट्रिक टन खतरनाक औद्योगिक कचरा निकलता है। इसमें से मात्र 700 मीट्रिक टन ही सही ढंग से निपटाया जा रहा है। बाकी का कचरा इधर-उधर फेंक दिया जाता है। 850 उद्योगों में एक बड़ी...
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विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »प्रतिबद्ध पत्रकार बड़ा बदलाव ला सकते हैं- ज्यां द्रेज
1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
More »हरियाणा में स्लैब प्रणाली लागू होगी
भिवानी. बिजली के बिल की अदायगी में एकसमान प्रणाली लागू करवाने के लिए एक दशक से अधिक समय से संघर्ष कर रहे किसानों की मांग मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आखिर मान ही ली। सीएम ने घोषणा की कि प्रदेश के किसान ट्यूबवेल से पानी निकालने के खर्च की अदायगी स्लैब प्रणाली से कर सकेंगे। हालांकि स्लैब प्रणाली कितनी होगी, इसका उन्होंने खुलासा नहीं किया। मौका था, भिवानी के किरोड़ीमल...
More »गांवों की ताकत: फोर्ब्स की सूची में दिखी गांवों से ताल्लुक रखने वाले 7 भारतीय
बोस्टन अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स ने सात सबसे शक्तिशाली भारतीयों की सूची जारी की है। ये सातों ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं। बावजूद इसके, उन्होंने ऐसी तकनीक इजाद की, जिससे देशभर में लोगों का जीवन बदल गया है। आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर व भारत के हनीबी नेटवर्क के संस्थापक अनिल गुप्ता ने फोब्र्स पत्रिका के लिए इन सात सबसे शक्तिशाली ग्रामीण भारतीय उद्यमियों का चयन किया है। गुप्ता का कहना है fd भारत के गांव बदलाव...
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