SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 695

विसंगति से संकट विश्वास का- अनिल रघुराज

जब इनसान नर्वस होता है, तो उसकी घिग्घी बंध जाती है. लेकिन सरकार जब नर्वस होती है, तो कुछ ज्यादा ही वाचाल हो जाती है. मोदी सरकार का फिलहाल यही हाल है. कार्यकाल के तीन साल बाकी हैं. लेकिन दो साल पूरा करने पर ऐसा डंका बजाया जा रहा है, मानो यज्ञ की पूर्णाहुति होनेवाली हो. हर सरकारी वेबसाइट खोलते ही विज्ञापन आ जाता है- मेरा देश बदल रहा है,...

More »

क्यों जीएसटी है सबसे बड़ा आर्थिक सुधार

नई दिल्ली। अरविंद सुब्रमणियन समिति की रिपोर्ट और जदयू व बसपा जैसे विपक्षी दलों के समर्थन में आने के बाद अब जीएसटी की राह आसान होने के कयास लगाए जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर तमाम अर्थविद इसे आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार मान रहे हैं। आखिर जीएसटी का लागू होना सबसे बड़ा आर्थिक सुधारवादी कदम कैसे होगा। जानकारों की मानें तो जीएसटी का सबसे बड़ा...

More »

यह कैसी शिक्षा व्यवस्था?-- अनुपम त्रिवेदी

पिछले दिनों जब एक न्यूज चैनल ने बिहार-बोर्ड के टाॅपर्स का साक्षात्कार किया, तो न केवल उन टाॅपर्स की, बल्कि पूरी शिक्षा-व्यवस्था की पोल-पट्टी खुल गयी. समाचार पत्रों से लेकर सोशल मीडिया तक बिहार के शिक्षा-तंत्र की बखिया उधेड़ दी गयी. राजनीतिक दलों ने भी इस मौके को खूब भुनाया. लेकिन, सब यह भूल गये कि बिहार का यह नंगा सच केवल बिहार का ही नहीं, बल्कि लगभग पूरे देश...

More »

डाकघर बैंकिंग की मुश्किलें-- सतीश सिंह

रिजर्व बैंक ने भारतीय डाक को भारतीय पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) या भुगतान बैंक का लाइसेंस दे दिया है। केंद्र सरकार ने भी आइपीपीबी शुरू करने की मंजूरी दे दी है। वर्ष 2017 के मार्च में यह बैंक खुल जाएगा और सितंबर, 2017 से काम करना शुरू कर देगा। अभी आइपीपीबी को साढ़े छह सौ शाखाएं खोलने की इजाजत मिली है। इसके लिए साढ़े तीन हजार नए कर्मचारियों की भर्ती...

More »

सरकार ....! आखिर ये बौद्घिक नसबंदी क्यों ?-- आनंद पांडे

क्या अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर अब एक नई बहस का वक्त आ गया है? अभिव्यक्ति की आजादी कितनी हो और उसे किस तरह सार्वजनिक किया जाए...क्या इसको लेकर भी नए मापदंड बनाए जाने चाहिए? क्या अब बहस-विमर्श और समीक्षा इस बात को लेकर होनी चाहिए कि आजादी के इतने सालों बाद भी हमें समाज के एक बड़े बुद्घिजीवी वर्ग को सिर्फ इसलिए सामाजिक बहसों से दूर रखना चाहिए...क्योंकि वो...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close