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आज से शुरू हुई जनगणनना-2011

नई दिल्ली। देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की गणना के साथ ही गुरुवार से जनगणनना-2011 की शुरूआत हो गई। इस अभियान में लगभग एक सौ बीस करोड़ आबादी की पहचान और गिनती कर उनका रिकार्ड बनाकर पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। राष्ट्रपति ने सभी देशवासियों से पुरजोर अपील की कि वे जनगणना-2011 और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर [एनपीआर] की तैयारी में पूर्ण सहयोग करें। यह देश और उनके दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण...

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खूबसूरत दिल्ली की बदरंग हकीकत

नई दिल्ली [श्रीपाल जैन]। अक्टूबर 2010 में कामनवेल्थ गेम्स के आयोजन की कामयाबी के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार सिंगापुर और पेरिस की तर्ज पर दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने में जुटी हुई हैं। जगह-जगह फ्लाई ओवर, सब-वे, फुट ब्रिज, जल निकासी लाइन, पार्किग स्थल, मेट्रो लाइन, सड़कों को चौड़ा एवं बेहतर बनाने के कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। इससे दिल्ली के आम बाशिंदों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं...

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ऑपरेशन ग्रीन-हंट- घाव पर मरहम या जले पर नमक ?

क्या छत्तीसगढ़ में विधि व्यवस्था और सांविधानिक संरचना टूट चुकी है। भले ही सूबे की सरकार इससे इनकार करे मगर देश के कुछ सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित नागरिक संगठन कम से कम ऐसा ही मानते हैं। कई नागरिक संगठनों ने सरकारी अधिकारियों, अदालत और यहां तक की प्रधानमंत्री को भी ऑपरेशन ग्रीनहंट के तहत हो रही उस पुलिसिया ज्यादती के बारे में लिखा है जिसे सूबे की पुलिस और अर्द्धसैनिक बल...

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छ्त्तीसगढ़ में एक गांधीवादी की शांति की पहल

जनआंदोलनों और नागरिक संगठनों  के राष्ट्रीय गठबंधन एनएपीएम ने  प्रसिद्ध गांधीवादी हिमांशु कुमार के छत्तीसगढ़ में शांति और सुशासन स्थापित करने की मांग के प्रति अपना पूर्ण समर्थन जताया है। श्री कुमार वनवासी चेतना आश्रम से संबद्ध हैं। गौरतलब है कि श्री हिमांशु कुमार छ्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा इलाके में गुजरे 26 दिसंबर से अनियतकालीन उपवास पर हैं। उन्होंने यह उपवास माओवादियों पर सरकार द्वारा नये सिरे से कार्रवाई करने की खबरों...

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ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा

यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...

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