भारत का बजट लोक-लुभावन राजनीति, राजकोषीय अनुशासन और अर्थशास्त्रीय नियमों की रोचक चटनी होता है. इसकी बारीकियां केवल वित्त मंत्री का भाषण सुननेभर से समझ में नहीं आतीं. अलबत्ता पहली नजर में सार्वजनिक प्रतिक्रिया समझ में आ जाती है. इस लिहाज से इस बार का बजट काफी बड़े वर्ग को खुश करेगा. इसमें सामाजिक क्षेत्र का ख्याल है, ग्रामीण क्षेत्र की फिक्र है, साथ ही छोटे करदाता की परेशानियों को...
More »SEARCH RESULT
नोटबंदी से परेशान निम्न-मध्यम वर्ग व छोटे उद्यमियों को वित्त मंत्री ने की साधने की कोशिश-- राजेन्द्र तिवारी
धूम-धड़ाके वाली नोटबंदी से परेशान देश के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए निम्न व मध्यवर्ग को राहत देने वाला, सामाजिक व ग्रामीण क्षेत्र में आवंटन बढ़ाने और कृषि व किसानों के लिए सरकारी खर्च बढ़ाने वाला बजट पेश किया. यह पहला ऐसा बजट है जिसमें योजना और गैर योजना की श्रेणी खत्म कर दी गयी और रेलवे अन्य विभागों की तरह ही इसमें शािमल किया गया. वित्त...
More »बंद करने लायक 60 स्कूलों में भी कराएंगे आरटीई के तहत दाखिला
रायपुर। शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के मापदंडों पर खरे नहीं उतरने वाले 60 स्कूलों को बंद करने के बजाय आरटीई के तहत दाखिला कराने के दायरे में रखा गया है। ये तब स्थिति है, जब स्कूल शिक्षा विभाग ने तीसरी बार इन स्कूलों के मापदंडों की जांच करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षा विभाग को 31 दिसम्बर तक इन स्कूलों की जांच करके उन्हें अंतिम रूप से...
More »बजट के बाद किसान: किस मुंह से कहिए कि आरजू क्या है!
‘तेरे नाम से शुरु, तेरे नाम से खत्म' वित्त मंत्री ने शायद यही जताना चाहा होगा. यही वजह है कि उनके बजट भाषण की शुरुआत किसान से हुई और अंत भी किसान पर हुआ. बात बड़बोली लगे तो खुद ही परख लीजिए, हाथ कंगन को तो आरसी क्या ! वित्त मंत्री का बजट भाषण जिन दस बड़े विषयों के इर्द-गिर्द पेश हुआ उसमें सबसे ऊपर ‘किसान' को रखा गया है. भाषण...
More »रबी का रकबा बढ़ा नहीं घटा है वित्तमंत्री जी !
नोटबंदी के असर को नकारने के लिए सरकार भले कहे कि रबी की बुवाई का रकबा 2016-17 में बढ़ा है लेकिन सच्चाई इसके उलट है.रबी का बुवाई का रकबा बढ़ा नहीं घटा है, बशर्ते तुलना के लिए आप ऐसे साल को चुने जो मॉनसून के लिहाज से सामान्य साल साबित हुआ हो. नोटबंदी के तकरीबन दो महीने बाद नये साल की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा : "...दोस्तों, बीते...
More »