ऊना (गुजरात) : गुजरात के ऊना में हजारों दलितों ने मृत गायों को नहीं हटाने का संकल्प लिया. साथ ही कहा कि अगर एक महीने के भीतर गुजरात सरकार प्रत्येक परिवार को पांच एकड़ जमीन देने की उनकी मांग को पूरा नहीं करती है तो विशाल रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इन सबके बीच हमले की ताजा घटना के बाद फिर से तनाव व्याप्त हो गया....
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शाक-मांस के बीच मुल्क- नासिरुद्दीन
हमारे मुल्क के खान-पान का मिजाज मांसाहार नहीं है या इस मुल्क की बड़ी आबादी शाकाहारी है- यह भ्रम है. मिथक है. तथ्य से परे है. फिर भी ऐसा क्यों है कि हमारा मानस इसे मानने को तैयार नहीं होता है. हमें यह क्यों लगता है कि यह मुल्क असलियत में शाकाहारी है और कुछ समूह या समुदाय ही मांसाहारी हैं. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के जून में आये...
More »जातीय संरचना, अहिंसा और अंबेडकर-- अजमेर सिंह काजल
आधुनिक काल में ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर ने शासन, सत्ता और संस्कृति के विभिन्न केंद्रों में मौजूद जातीय सैद्धांतिकी को चुनौती देकर ऐतिहासिक कार्य किया। सामाजिक समानता का जो अहसास बाबा साहेब आंबेडकर को संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ते हुए हुआ, वह हमारे लोकजीवन में कहीं नहीं था। इसलिए शिक्षा प्राप्ति के बाद भारत वापस आने पर उन्होंने इसी लोक जीवन में व्याप्त सदियों पुरानी बीमारियों...
More »बाढ़ के पानी में है जलसंकट का समाधान-- अनिल जोशी
दुनिया की बड़ी चर्चाओं में पानी और पर्यावरण दो प्रमुख मुद्दे हैं। वैसे पानी भी पर्यावरण का ही हिस्सा है पर अब यह सालभर चर्चाओं में रहता है। गर्मी आते ही देश-दुनिया में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है और इसके जाते ही पानी-पानी से त्राहि मच जाती है। इस बार देश के 11 राज्यों के 33 करोड़ लोगों ने सीधे पानी की मार झेली है। इससे पहले जलसंकट...
More »नौकरियों के लिए मुश्किल भरे दिन-- आकार पटेल
भारत ने उस प्रक्रिया की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है, जिसे अनेक लोग बीते दो दशक का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार मान रहे हैं. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से अप्रत्यक्ष कर सरल होंगे और कुछ लोगों की समझ में इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी. कुछ इससे सहमत नहीं हैं, लेकिन उनकी नजर में भी यह एक अहम सुधार है. हम अन्य किन सुधारों की उम्मीद...
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