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राजस्थान के किसान उपज को गिरवी रखकर कम ब्याज दर पर ले सकेंगे कर्ज

-आउटलुक, राजस्थान सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं, जिनमें उन्हें फसल का बेहतर मूल्य दिलाना, खरीद के लिए सुगम व विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करना शामिल है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने फैसला किया है कि किसान उपज को रेहन या गिरवी रखकर कम ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण महमारी से उपजे संकट के बीच किसानों...

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कोविड-19: लॉकडाउन ने बिगाड़ी ग्रामीण भारत की दशा

-डाउन टू अर्थ, एक महीना पहले तक धनीराम साहू को नहीं पता था कि वायरस या सोशल डिस्टेंसिंग किस बला का नाम है। साहू छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के शंकरदह में रहते हैं। वह कहते हैं, “अब हर कोई कोरोनावायरस और इससे खुद को महफूज रखने की बात करता दिख रहा है।” दुनियाभर के तमाम विज्ञानियों और एपिडेमियोलॉजिस्ट की तरह साहू को भी इस वायरस के बारे में बहुत जानकारी नहीं...

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जानिए कैसे लॉकडाउन में प्रोसेसिंग से टमाटर और प्याज को बचा रहे हैं ये गाँववाले!

-द बेटर इंडिया, आए दिन बढ़ रहे COVID-19 के मामलों की वजह से देश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ती जा रही है। हालांकि, सरकार की पुरजोर कोशिश है कि इस दौरान देशवासियों को जितनी राहत मिल सकती है मिले। लेकिन फिर भी समाज के कुछ ऐसे वर्ग हैं, जिन्हें परेशानी हो रही है। लॉकडाउन के शुरू होते ही दिहाड़ी मजदूरों और समाज के अन्य कमजोर तबकों के साथ-साथ किसानों के लिए...

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क्या दिहाड़ी मज़दूरों को बायोमिट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से धोखा दिया गया है?

-न्यूजक्लिक, पिछले कुछ हफ़्तों में, दैनिक वेतन भोगियों की स्थिति विशेष रूप से निराशाजनक रही है। रोड स्कॉलर्ज़ ने छह राज्यों (छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश) के ग्रामीण इलाकों में 100 से अधिक लोगों से टेलीफोन के माध्यम से दो चरणों (26-31 मार्च और 4-7 अप्रैल) का सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में पता चला कि ज्यादातर लोग इस बात से वाकिफ हैं कि कोविड-19 के...

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ट्विटर पर छाया किसानों की संपूर्ण कर्जा मुक्ति का अभियान, लॉकडाउन में राहत की मांग

-आउटलुक,  देश कोरोना वायरस जैसी गंभीर महामारी से लड़ रहा है तथा इस लड़ाई में देश का किसान अग्रिम मोर्चे पर खड़ा है क्योंकि उन्हीं की बदौलत देश में खाद्यान्न का भरपूर भंडार है जिस कारण केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें आम आदमी को खाद्यान्न मुफ्त या फिर सस्ती दर पर आवंटन कर पा रही हैं। अत: देशभर कि किसानों ने ट्विटर के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने...

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