चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है. हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...
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हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई
हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...
More »पांच फीट चौड़ी रह गयी स्वर्णरेखा, इसे बचाइए
राजधानी रांची में हरमू नदी का जीर्णाेद्धार हाे रहा है. अच्छी काेशिश है. पर दूसरी आेर झारखंड की लाइफलाइन कही जानेवाली स्वर्णरेखा नदी की स्थिति काफी खराब हाे गयी है. नगड़ी का रानीचुआं इस नदी का उदगम स्थल है. हटिया में इस नदी की चाैड़ाई पांच फीट हाे गयी है. पानी सड़ गया है. अतिक्रमण की मार भी यह नदी झेल रही है. अगर इसे नहीं बचाया...
More »पानी का संकट पहल का इंतजार
उत्तर भारत, खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की धरती के नीचे का जल-स्तर गिरता जा रहा है। नासा की हालिया रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक की गई है कि बढ़ते शहरीकरण और सिंचाई पर ज्यादा निर्भरता के कारण भारत गंभीर जल संकट की तरफ बढ़ चला है। जिंदगी के लिए जरूरी जल-संसाधन के गहराते संकट पर संजय शर्मा की प्रस्तुति कुएं भले ही अतीत की चीज हो गए हैं, लेकिन...
More »पानी का संकट पहल का इंतजार
उत्तर भारत, खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की धरती के नीचे का जल-स्तर गिरता जा रहा है। नासा की हालिया रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक की गई है कि बढ़ते शहरीकरण और सिंचाई पर ज्यादा निर्भरता के कारण भारत गंभीर जल संकट की तरफ बढ़ चला है। जिंदगी के लिए जरूरी जल-संसाधन के गहराते संकट पर संजय शर्मा की प्रस्तुति कुएं भले ही अतीत की चीज हो गए हैं, लेकिन...
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