एक हिमालय नीति की जरूरत दशकों से महसूस की जा रही है। पूरे विश्व ने व संयुक्त राष्ट्र ने भी आधिकारिक रूप से यह माना है कि पहाड़ों के विकास की अलग रणनीति और तौर-तरीके होने चाहिए। पूर्व में अंतरराष्ट्रीय पर्वतीय वर्ष भी मनाया गया था। अमेरिका में तो पर्वतीय विकास पर काम करने के लिए अलग से एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान है। इसी क्रम में हिमालय के लिए एक अलग...
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झारखंड सहित चार राज्यों में किसानों को टाटा ट्रस्ट बना रहा लखपति
नयी दिल्ली: झारखंड, गुजरात, ओड़िशा और महाराष्ट्र में जनजातीय किसानों की स्थिति सुधर रही है और वे लखपति किसान के रूप में उभर रहे हैं. इसका श्रेय टाटा ट्रस्ट के 450 गांवों में की जा रही पहल को जाता है. टाटा ट्रस्ट छोटे समूह में जनजातीय परिवार के किसानों को शिक्षा एवं प्रशिक्षण दे रहा है. इससे किसान अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त करने में सक्षम हो रहे हैं और...
More »मालिकाना हक बचाने के लिए संसद की ओर बढ़े आदिवासी, पुलिस पर बरसाये तीर
ब्रासीलिया : गैर-ईसाई समूहों के नेताओं की बैठक से पहले अपनी जमीन बचाने के लिए आदिवासी समुदाय के लोग हिंसक हो उठे. पुलिस के साथ उनकी झड़प में पुलिसवालों समेत कई लोग घायल हो गये. अपनी जमीन का जल्द से जल्द सीमांकन करने की मांग कर रहे हजारों आदिवासी ब्राजील की संसद भवन तक पहुंच गये. राजधानी ब्रासीलिया में उस वक्त इनकी पुलिस के साथ झड़प हो गयी, जब छोटे-छोटे समूह...
More »राजनीतिः नगालैंड में महिला आरक्षण की गुत्थी-- दिनकर कुमार
नगालैंड की राजनीति में महिलाओं की अनुपस्थिति को अच्छी तरह महसूस किया जा सकता है। साठ सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए आज तक एक भी महिला नहीं चुनी जा सकी है। अब तक बस एक बार किसी महिला को सदन में पहुंचने का मौका मिला। उनका नाम रानो एम शाइयिजा था, जो 1977 में लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। नगालैंड की राजनीति में महिलाओं की नगण्य उपस्थिति एक बार...
More »वनाधिकार कानून-- दिन भर चले अढ़ाई कोस!
आदिवासी समुदाय को जमीन पर हकदारी देने वाले वनाधिकार कानून पर अमल का अंदाजा इस तथ्य से लगाइए कि इस साल के जून महीने के आखिर तक राष्ट्रीय स्तर पर वनपट्टों पर दावेदारी के तकरीबन 50 फीसद मामले खारिज किए गए हैं. खारिज किए गए ये मामले कुल 19 राज्यों के हैं. जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वनाधिकार कानून के क्रियान्यवयन से संबंधित जारी नये आंकड़ों से इस तथ्य का खुलासा होता...
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