फ़रवरी 2008 में चतरा के नक्सल दृष्टि से सुपर सेंसिटिव गांवों में जाना हुआ. साथ के मित्रों के भय और आशंका के बीच, देर शाम तक घूमना हुआ. सूनी सड़कों पर मरघट की खामोशी के बीच. तब तक लिखा यह अनुभव भी छपा नहीं. पाठक पढ़ते समय ध्यान रखें यह फ़रवरी 2008 में लिखी गयी रपट है. कभी डालटनगंज-चतरा के इन इलाकों में खूब घूमना हुआ. समाजवादी चिंतक, अब बौद्ध अध्येता व...
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मजदूरों के हाथ-पांव में कीलें ठोंकी
रोजी-रोटी की तलाश में झारखंड से चेन्नई गये छह मजदूरों को नक्सली कह कर पीटा गया, उनके पैरों में कीलें ठोंकी गयी. हर साल लगभग पचास हजार मजदूर काम की तलाश में बाहर जाते हैं. अन्य राज्यों में यहां से काम और पढ़ाई के लिए गये मजदूरों व छात्रों को कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है. रांची के दो छात्रों की मुंबई में हुई हत्या भी साबित करती है कि झारखंड...
More »नक्सली हमला: हर तरफ से बरसीं गोलियां
रायपुर/गरियाबंद.छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सोमवार शाम हुए नक्सली हमले में जवानों को जवाबी कार्रवाई का मौका ही नहीं मिला। मंगलवार को मौके पर पहुंचे भास्कर संवाददाता के मुताबिक चारों ओर से बरसाई गइं गोलियों से सूमो बिंधी पड़ी थीं और एडिशनल एसपी राजेश पवार समेत नौ जवानों की लाशें बिखरीं। वहीं दल में शामिल सिपाही होलीराम साहू अब तक लापता है। कच्ची सड़क की मोड़ पर घात लगाए नक्सलियों के पास लाइट मशीनगन, एसएलआर...
More »नक्सलियों ने किया नरसंहार, नौ की गला काटकर हत्या
गुमला। नक्सलियों ने शहर से सटे टैसेरा व वृंदा महुआटोली में बुधवार रात दो परिवारों के नौ लोगों की गला काट कर हत्या कर दी। हत्यारों ने मासूमों को भी नहीं बख्शा। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर छापेमारी शुरू कर दी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेजा गया है। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत है। हत्यारों की तलाश में पुलिस देर रात तक...
More »कौन हैं बिनायक सेन?
खादी का बिना प्रेस किया हुआ कुर्ता-पाजामा और पैरों में साधारण स्पोर्ट्स शू पहने 58 वर्षीय डॉक्टर बिनायक सेन को देखकर अक्सर उनके समूचे व्यक्तित्व का पता नहीं चल पाता. जेल में दो बरस रहने से पहले तक समय पहले तक उनकी लंबी दाढ़ी हुआ करती थी और लोग उन्हें सीधे-सादे सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में जानते थे तो कुछ एक बौद्धिक चिंतक के रुप में. लेकिन अब पुलिस उन्हें नक्सलियों का...
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