कुछ दिन पहले पूर्वोत्तर भारत तथा दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश विषैली धुंध की घनी परत से ढंके हुए थे। दस-पंद्रह दिनों तक काले वायुमंडल ने लोगों के भीतर विचित्र भय पैदा कर दिया था। लेकिन अब दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित धुंध से सने क्षेत्र कुछ-कुछ साफ क्या हुए कि प्रदूषण से ध्यान हट गया है। ऐसी आपात स्थिति से अल्पकालिक छुटकारा...
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विकल्प के अभाव में जल रही पराली - कैप्टन अमरिंदर सिंह
इन दिनों उत्तर भारत के कुछ इलाकों में पसरा खतरनाक स्मॉग चर्चा के केंद्र में है। सियासी घमासान में किसानों द्वारा पराली जलाने का मुद्दा भी छाया हुआ है, मगर अफसोस कि इस पर हंगामे और तल्ख बयानबाजी के बीच इससे जुड़े असल मुद्दों की अनदेखी की जा रही है। स्मॉग की वजह से बदतर होते हालात के लिए भले ही पराली जलाने को कसूरवार ठहराया जा रहा हो, लेकिन...
More »पढ़िए, पंजाब और हरियाणा में कितनी जलती है पिराली, क्या हैप्पी सीडर है इसका समाधान ?
हरियाणा और पंजाब में कितने हैप्पी सीडर हैं ? धूल और धुएं से भरे घने कोहरे में लिपटी दिल्ली को गैसचैंबर करार दिए जाने के बीच कृषि मंत्रालय द्वारा जारी एक हिदायत के मद्देनजर यह सवाल पूछा जा सकता है. हैप्पी सी़डर को पिराली की जलाने की समस्या की जादुई समाधान भी बताया जा रहा है. बीते 10 नवंबर को जारी कृषि मंत्रालय की हिदायत में हैप्पी सीडर का जिक्र आया है. कृषि मंत्रालय ने पश्चिमी...
More »पर्यावरण संरक्षण की मुश्किलें-- पंकज चतुर्वेदी
जिस तरह देश की आबादी बढ़ रही है, हरियाली और खेत कम हो रहे हैं, जल-स्रोतों का रीतापन बढ़ रहा है, हम हर दिन वनस्पति और जंतुओं की किसी न किसी प्रजाति को सदा के लिए खो रहे हैं, खेत और घर में जहरीले रसायनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, भीषण गरमी से जूझने में वातानुकूलित यंत्र और अन्य भौतिक सुखों की पूर्ति के लिए बिजली का इस्तेमाल बढ़ रहा...
More »स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला
दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...
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