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चमक-दमक के पीछे छिपी कालिख को पहचानें - धर्मेंद्रपाल सिंह

आम धारणा यह है कि देश के बाहर जाने वाले काले धन का मुख्य स्रोत नेताओं या बड़े सरकारी अफसरों को मिलने वाली रिश्वत, घरेलू व्यापारियों द्वारा इनवॉइस में हेराफेरी से होने वाली दो नंबर की कमाई या हवाला कारोबार से उपजा पैसा है। लेकिन काले धन पर ग्लोबल फाइनेंशियल इंटिग्रिटी (जीएफई) की ताजा रिपोर्ट पढ़ने के बाद यह धारणा पुर्जा-पुर्जा होकर बिखर जाती है। जीएफई की हाल माह में...

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बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास

इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...

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विकास की रफ्तार बढ़ाएंगे निरंतर जारी सुधार

हांगकांग। विदेशी निवेशकों को लुभाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत में कारोबार करना सुगम बनाने का वादा किया है। उन्होंने कहा है कि निरंतर जारी सुधारों के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विपरीत माहौल के बावजूद आर्थिक विकास की दर बीते साल के 7.3 फीसद की तुलना में ज्यादा रहेगी। वित्त मंत्री मानते हैं कि दुनिया पर छाए सुस्ती के बादलों के बीच भी भारत में चमकता सितारा बने रहने...

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कर्ज लेकर घी पीने से नहीं बनेगी बात - डॉ. भरत झुनझुनवाला

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। हमने चीन से 54 अरब डॉलर के आयात किए, जबकि निर्यात मात्र 17 अरब डॉलर के किए। इस घाटे को पाटने के लिए सरकार ने चीन से आग्रह किया है कि वह भारत में विदेशी निवेश बढ़ाए। गत वर्ष शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन ने गुजरात तथा महाराष्ट्र में औद्योगिक क्षेत्रों, हाईस्पीड ट्रेनों तथा दिल्ली-चेन्न्ई कॉरिडोर...

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बैंकों की दशा सुधारने की कवायद- धर्मेंन्द्रपाल सिंह

देश की अर्थव्यवस्था से आजकल अजीब इशारे मिले हैं। बीते अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसद गिरा। जुलाई से सितंबर की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई। सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है, लेकिन देशी-विदेशी पूंजीपति नया निवेश करने से कतरा रहे हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हमारा देश ‘बैलेंस शीट रिसेशन' के...

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