हर साल देश में करीब पचास हजार करोड़ रुपए का अनाज बर्बाद हो जाता है। एक ऐसे देश में जहां करोड़ों की आबादी को दो जून ठीक से खाना नहीं नसीब होता, वहां इतनी मात्रा में अनाजों की बर्बादी किस तरह की कहानी कहती है? इसकी पड़ताल कर रहे हैं रविशंकर। यह विडंबना नहीं, उसकी पराकाष्ठा है कि सरकार किसानों से खरीदे गए अनाज को खुले में छोड़कर अपना कर्तव्य पूरा...
More »SEARCH RESULT
लोग अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे : ज्यां द्रेज
रांची: अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा है कि अधिकार की लड़ाई रोज की लड़ाई है. अपने स्तर पर छोटे-छोटे संघर्ष रोज करना होता है. जन अधिकार यात्रा लोगों को जागरूक करने में सहायक सिद्ध हुई है. इस यात्रा का संदेश यह है कि लोग अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे. मिलकर लड़ेंगे अौर जीतेंगे. यह यात्रा किसी पार्टी, नेता या संगठन की नहीं है, बल्कि जनता की है. ज्यां द्रेज रविवार को...
More »हार्दिक का आंदोलन और गुजरात-- मिलिन्द मुरुगकर
गुजरात में हार्दिक पटेल का अचानक उदय कई मायनों में आश्चर्यजनक था. इसके आकलन के लिए कई सिद्धांत लगाये जा रहे हैं. अन्य राज्यों में भी अगर इस आंदोलन की प्रतिध्वनि उभर कर आती है, तो यह कुछ नये राजकीय समीकरणों की शुरुआत हो सकती है. अगर ऐसा न होकर यह बात गुजरात तक ही सीमित रहती है, तो भी इसके परिणाम राष्ट्रीय स्तर पर दिखेंगे. औद्योगीकरण में अगड़े...
More »RBI गवर्नर बोले देश का बिगड़ता माहौल रोक देगा विकास का पहिया
आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र और वर्तमान में आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन शनिवार को आईआईटी दिल्ली के दीक्षांत समारोह में चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे। वहां रघुराम राजन छात्रों से मुखातिब हुए और कुछ ऐसे मुद्दों को छुआ जो इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं। अपना संबोधन शुरू करने से पहले ही राजन ने छात्रों से कह दिया था कि अक्सर दीक्षांत समारोहों में चीफ गेस्ट...
More »अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष को राजन ने लिया आड़े हाथ
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने पश्चिमी देशों के प्रति नरम रवैये को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि मुद्राकोष न सिर्फ विकसित देशों की उदार मौद्रिक नीतियों के प्रति नरम रुख रखता है, बल्कि उनकी तारीफ भी करता है। पश्चिमी देशों की आसान कर्ज की नीतियों का उभरते बाजारों में प्रतिकूल असर पड़ा है। राजन के मुताबिक, आईएमएफ जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों...
More »