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संविधान लागू कीजिए गांव बन जायेंगे गणराज्य- राहुल सिंह

हमारा संविधान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गांव को स्वावलंबी व उन्हें एक स्वायत्त शासन इकाई बनाने के सपने के अनुरूप है. हमारे गांव ऐसे हों, जो अपने फैसले खुद लें और अपनी जरूरत की अधिक से अधिक चीजों का उत्पादन खुद करें. संविधान में ग्राम पंचायत को एक स्वायत्त शासन इकाई के रूप में स्थापित करने के लिए विधानमंडल को सभी जरूरी उपाय करने का कहा गया है. भारत के...

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प्लस टू स्कूलों में बहाल होंगे 52 हजार शिक्षक, 1.17 लाख पद रिक्त

पटना: प्लस टू स्कूलों में इस साल 52 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है, जबकि प्रारंभिक स्कूलों में करीब एक लाख अतिरिक्त शिक्षक और अनुदेशक का नियोजन किया जायेगा. यह कहना है शिक्षा मंत्री पीके शाही का. उन्होंने बताया कि फिलहाल 41 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है, जबकि एक लाख 17 हजार पद अभी भी रिक्त हैं. इन स्कूलों में नियुक्ति...

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उच्च शिक्षा की ढ़लान- शशांक द्विवेदी

जनसत्ता 30 दिसंबर, 2013 : पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए भी तकनीकी और इंजीनियरिंग संस्थान खोलने की मंजूरी दे दी। अब तक कॉलेज को खोलने के लिए सोसाइटी या ट्रस्ट का गठन जरूरी था। केंद्र सरकार की इस नई पहल के तहत तकनीकी, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए कॉलेज शुरू करने वाली कंपनियों को कंपनी अधिनियम-1956 की धारा-25 के तहत...

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देश में 47% ग्रैजुएट कहीं भी नौकरी पाने लायक नहीं

तकरीबन आधे ग्रैजुएट्स अंग्रेजी में काफी कमजोर पाए गए हैं, उनमें बुनियादी ज्ञान का भी है सख्त अभाव एस्पाइरिंग माइंड्स की रिपोर्ट महज 2.59% ही फंक्शनल रोल जैसे एकाउंटिंग के लिए पाए गए हैं फिट 15.88% स्नातक सेल्स संबंधी नौकरियों के लिए नजर आए हैं उपयुक्त 21.37% ग्रैजुएट्स हैं बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) से जुड़ी नौकरियों के लायक 84% स्नातक नहीं हैं एनालिस्ट की भूमिका निभाने...

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न्याय की नई मरीचिका- विकास नारायण राय

जनसत्ता 7 नवंबर, 2013 : स्त्रियों के उत्पीड़न का एक और क्षेत्र कानून की गिरफ्त में आने को है। पुरुष वर्चस्व के नजरिए से बेहद नाजुक ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्या का मसला फिलहाल उच्चतम न्यायालय के रडार पर है। अगर यौनिक हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न का सर्वाधिक अपमानजनक रूप रही है तो ‘इज्जत’ हत्याएं इसका सर्वाधिक बर्बर रूप होती हैं। इसी तरह, घरेलू हिंसा में स्त्री का दासत्व...

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