सीकर. समय पर भुगतान न होने को लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करने वाले नरेगा श्रमिकों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। नई व्यवस्था के अनुसार उन्हें भुगतान के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। श्रमिकों की भुगतान राशि एक मुश्त जिलास्तरीय केंद्रीय सहकारी बैंक में जमा करा दी जाएगी और इसके बाद उनके खातों से संबंधित बैंकों में ट्रांसफर होगी। लगातार नरेगा श्रमिकों को समय पर मजदूरी...
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विद्यार्थियों का अनाज डकारा
जबलपुर । सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन की दुकानें आरक्षित वर्ग के छात्र-छात्राओं के हॉस्टल के अनाज को दो साल से खुद खा रही हैं। छात्रावासों के लिए जिले से इन दुकानों को गेहूं और चावल का आवंटन हो रहा है, लेकिन दुकानें छात्रावासों के पास राशनकार्ड नहीं होने के बहाने उन्हें कुछ भी सामग्री नहीं दे रही। मजबूरन छात्रावासों को बाजार से अनाज खरीदना पड़ रहा है। यह थी योजना शासन...
More »मनरेगा- कहीं नरम , कहीं गरम
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के बारे में ज्यादातर खबरें या तो उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की होती हैं या फिर योजना की कारआमली में हो रही ढिलाई की। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा पर कुल 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन शहराती मध्यवर्ग का एक बड़ा तबका और जनमत-निर्माता इसी पसोपेस में हैं कि आखिर इन रुपयों से कुछ सार्थक हो भी रहा है या नहीं। नुक्ताचीनी की बातों...
More »जन को गन का भय
गया [कमल नयन]। देश की स्वतंत्रता को आमजनों की स्वतंत्रता 'न मानने वाले' नक्सली संगठनों ने चालू वर्ष में 'जन' को ज्यादा परेशान किया। यह परेशानी बंद के दौरान उनके समर्थन में नहीं बल्कि 'गन' के भय से होती है। खासकर सूबे के बंद के दौरान गया जिले का शेरघाटी अनुमंडल सर्वाधिक प्रभावित होता है। अगर इसे आर्थिक रूप से देखा जाए तो जिले का सबसे कमजोर इलाका बार-बार की...
More »इन बंजारों की धरती कहां है -- शिरीष खरे
एक बार बीड़ जिले के पाथरड़ी तहसील में कहीं चोरी हुई. कई महीने बीते, मगर चोर का अतापता न चला. आष्टी तहसील से थोड़ी दूरी पर चीखली गाँव हैं. इसी गाँव के पास घूमते-फ़िरते रहवसिया नाम का पारधी परिवार आ ठहरा. बस फिर क्या था, पुलिस ने उसे ही इतनी दूर की वारदात में अंदर डाल दिया. जहाँ रहवसिया दो महीनों तक जेल में रहा, वहीं गाँव में ऊँची जाति...
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