अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम के अभिलेखागार में काम करते हुए गांधीजी को लिखा गया एक दिलचस्प पत्र मेरे हाथ लगा। यह पत्र 11 युवा महिलाओं ने लिखा था, जो कलकत्ता (अब कोलकाता) की थीं। उस चिट्ठी पर कोई तिथि नहीं लिखी थी, मगर ऐसा लग रहा था कि वह जनवरी, 1939 में लिखी गई थी। चिट्ठी ‘परमपूज्य महात्मा जी' को संबोधित थी, जिस पर सभी महिलाओं ने अपने अलग-अलग हस्ताक्षर...
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चंद्रशेखरन की सफलता के मायने-- आर. सुकुमार
तकनीकी शिक्षा के मामले में 1980 के दशक का तमिलनाडु अगुवा था। भले ही पठन-पाठन के संदर्भ में वह उतना न हो, मगर माहौल और परिस्थिति के संदर्भ में जरूर था। उस दशक में राज्य सरकार ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को मंजूरी दी थी। हालांकि ऐसा करने वाला एकमात्र राज्य तमिलनाडु नहीं था। लगभग उसी समय कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने भी अपने दरवाजे निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए...
More »बंद दरवाजे के पीछे से बोला मासूम- पढ़ना चाहता हूं, बापू स्कूल नहीं भेजते
कोरबा, नईदुनिया न्यूज। मैं भी अन्य बच्चों की तरह सामान्य जिंदगी जीना चाहता हूं। स्कूल जाकर पढ़ाई करना चाहता हूं। बापू स्कूल नहीं जाने देते। जब घर में रहते हैं तो कुछ समय के लिए दरवाजा खोलते हैं। काम में जाने के पहले मुझे घर में बंद करके चले जाते हैं। यह बात कमरे के अंदर बंद 8 साल के सोनसाय पंडो ने दरवाजे के झरोखे से झांकते हुए कही। दरअसल...
More »रोटी, छुट्टी और चिट्ठी से चलती जिंदगी-- विभूति नारायण राय
अंग्रेजी की एक कहावत है- ‘आर्मी मार्चेज ऑन इट्स बेली'। हिंदी में अनुवाद करें, तो कह सकते हैं कि लड़ने के लिए सेना का पेट भरा होना जरूरी है। बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव के वायरल हुए वीडियो के अंदर कई अंतर्कथाएं छिपी हैं। वीडियो देखते हुए मुझे बीएसएफ में बिताए अपने दस साल याद आ रहे हैं। पाठकों की जानकारी के लिए बता दूं कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स या...
More »सितारों से संवाद पर बंदिशें-- उर्मिलेश
इसी 17 जनवरी को रोहित वेमुला के हमारी दुनिया से विदा हुए एक साल पूरे हो जायेंगे. हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रतिभाशाली शोधछात्र ने अपनी आत्महत्या, जो वस्तुतः किसी हत्या से भी ज्यादा नृशंस थी, से ऐन पहले एक मार्मिक पत्र लिखा. रोहित ने कहा था- ‘मैं हमेशा एक लेखक बनना चाहता था. विज्ञान पर लिखनेवाला, कार्ल सगान की तरह. लेकिन, अंत मे मैं सिर्फ यह पत्र लिख पा रहा...
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