भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के बाद अब आदिवासियों और जंगलों का मामला विवाद में है। ग्राम सभा की सहमति को, जो वन अधिकार कानून के अंतर्गत अनिवार्य है, समाप्त करने के संकेत मिल रहे हैं। संसद के इसी सत्र में यह प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिन्हें हम आज अनुसूचित जातियों के अंतर्गत गिनते हैं, उन आदिवासियों की दशा अंग्रेजों के आगमन के समय से ही दयनीय हो चली थी। अंग्रेज...
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मौत के खतरे से क्यों मूंदें आंखें? - डॉ. एके अरुण
रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तंबाकू निर्मित उत्पादों के 60 से 65 प्रतिशत हिस्से पर सचित्र चेतावनी प्रकाशित करने को अपना समर्थन दिए जाने के बाद इससे संबंधित विवाद का काफी हद तक पटाक्षेप तो हो गया है, पर तंबाकू व नशे के इस्तेमाल पर रोक के लिए बनी संसदीय समिति के सदस्यों (खासकर भाजपा सांसदों) की टिप्पणियों कि 'तंबाकू से कोई कैंसर या खतरा नहीं होता" को लेकर पहले ही...
More »उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा
विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
More »किसानों को दिहाड़ी मजदूर न बनाएं - देविंदर शर्मा
22 मार्च को किसानों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात" रेडियो पर प्रसारित होगी और देश में खेती-किसानी और कृषकों के हालात सुधारने के बारे में उनके विचारों से मैं अवगत होना चाहूंगा। मैं नहीं जानता कि मेरे विचार उनके किसी निर्णय को बदल अथवा प्रभावित कर सकते हैं या नहीं, लेकिन यहां मैं किसानों की दुर्दशा और परेशानी अवश्य साझा कर सकता हूं। इसके साथ...
More »उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा
विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
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