वादा पूरा, लेकिन फायदा अधूरा आम आदमी पार्टी सरकार ने सोमवार को अपना पहला चुनावी वादा पूरा करते हुए हर महीने 20 हजार लीटर पानी मुफ्त देने का ऐलान किया। यह फैसला नए साल के पहले दिन से लागू होगा और अगर कोई पानी इस्तेमाल करने में यह सीमा लांघता है, तो दर में सीधा दस फीसदी का इजाफा होगा। लेकिन इसमें एक खेल भी है। और मुफ्त पानी की सौगात में...
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घरेलू कामगारों की लड़ाई- सुभाषिनी अली
देवयानी खोबरागड़े के नाम से पूरा देश परिचित हो गया है। अमेरिकी सरकार की बदतमीजी की भर्त्सना संसद से लेकर चौराहे तक हुई है। दूसरे देशों के प्रतिनिधियों का हवाई अड्डों पर अपमान करना, दूसरे मुल्कों में घुसकर वहां के ऐसे नागरिकों का अपहरण कर लेना, जिन्हें वे अपने लिए खतरनाक मानते हैं, दूसरे देशों के सामान्य नागरिकों पर ड्रोन हमले कर जान लेना, पूरी दुनिया के नेताओं और नागरिकों...
More »आधी आबादी की राजनीतिक हिस्सेदारी- अरविन्द मोहन
चुनाव आते ही अगर सभी दलों और सचेत लोगों को महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व का मसला याद आने लगता है, तो यह महिलाओं के प्रति उनके अनुराग या देश में महिलावादी आंदोलन का जोर बढ़ने का नतीजा नहीं है. अभी तक महिलाओं का अपना आंदोलन शहरों को छोड़ कर कहीं नहीं गया है. असल में इसका कारण हाल के चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी है. बीते दो-ढाई दशक में अगर...
More »कहां चूक गये हम ? - श्रीश चौधरी
आजादी के 66 वर्षो बाद भी शिक्षा जैसे बुनियादी विषय पर समाज की ऐसी दयनीय स्थिति चिंता व खेद का कारण है. हमारी गरीबी, हमारा पिछड़ापन, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में हमारे उत्साह एवं प्रयास के अभाव का ही परिणाम है. स्वतंत्रता के बाद ही ऐसे कदम उठाये जाने चाहिए थे, ऐसी नीतियां बननी चाहिए थीं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सर्वव्यापी बनाते. परंतु वैसा नहीं हुआ. परिणाम सामने है - जिस समाज की...
More »आदिवासी विकास के दो चेहरे- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 9 नवंबर, 2013 : देश के जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं उनमें से चार राज्य ऐसे हैं जिनमें आदिवासियों की खासी आबादी निवास करती है, यह बात हम राहुल बनाम मोदी की बहस में भूल जा रहे हैं। संयोग से ये चुनाव ऐसे अवसर पर हो रहे हैं जब आदिवासियों के विकास और उनके बारे में सरकार की नई नीति को लेकर बहस उठ...
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