SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 803

मौसम की मार से निपटने के उपाय करे सरकार

बजट में किसान कई बातों के अलावा मौसम की मार से बचाव के उपाय भी चाहता है। वह बेहतर मौसम अनुमान, फसलों की समय से क्षतिपूर्ति, सीधी सब्सिडी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती की उम्मीदें रखता है। जानकार भी कहते हैं कि सरकार कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में भरपूर निवेश करे ताकि सूखे में स्थितियां नियंत्रण में बनी रहें। एक नजर- बजट 2016-17: क्या हैं उम्मीदें नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो किसानों...

More »

आर्थिक समीक्षा 2015-16 की प्रमुख बातें

संसद में शुक्रवार को पेश वित्त वर्ष 2015-16 की आर्थिक समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार हैं। - जीडीपी की वृद्धि 2016-17 में 7-7.5 प्रतिशत रहेगी। - चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहेगी, यदि निर्यात में तेज बढ़ोतरी हो तो दीर्घकाल में संभावित वृद्धि की क्षमता 8-10 प्रतिशत तक। - वैश्विक स्तर पर निराशा के वातावरण में भारत स्थिरता की भूमि। - कच्चे तेल का भाव अगले वित्त वर्ष में 35...

More »

अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को दायरे में रखना चुनौतीपूर्ण: समीक्षा

सरकार चालू वित्त वर्ष में 3.9 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल कर लेगी, लेकिन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमा होने से 2016-17 में इसे पूर्व के अपेक्षित दायरे में रखना चुनौतीपूर्ण होगा। सरकार ने मध्यावधिक राजकोषीय सुदृढीकरण योजना के तहत अगले वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 3.5 प्रतिशत और वर्ष 2017-18 में इसे जीडीपी...

More »

मौजूदा विकास मॉडल में गांवों की जगह- मुकुल श्रीवास्तव

खुली अर्थव्यवस्था, खर्च करने के लिए तैयार विशाल आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था-ये सारी चीजें एक ऐसे भारत का निर्माण कर रही हैं, जहां व्यापार करने की अपार संभावनाएं हैं। इसके बावजूद आंकड़ों में अभी भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के व्यापार के लिए आदर्श देश नहीं बन पाया है। मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के शहर अब भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे...

More »

देशप्रेम और देशद्रोह के बीच बजट-- पुष्पेश पंत

किसी भी सरकार के लिए बजट बनाना अौर उसे पास कराना एक बड़ी चुनौती होती है. यदि यह वित्तीय विधेयक पास नहीं होता, तो इसे सदन के विश्वास का अभाव समझा जाता है अौर सरकार गिर सकती है.  अगर बजट पास भी हो जाये अौर उसके प्रावधानों से जनता में असंतोष फैलता है, तब भी किसी सरकार के लिए अपने जनाधार को बरकरार रखना कठिन होता जाता है. हर नयी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close