बीते पच्चीस सालों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या कम करने की रफ्तार के लिहाज से भारत पड़ोसी नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से पीछे है. यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1990 से 2015 के बीच खुले में शौच करने वालों की संख्या में 31 फीसदी की कमी हुई है जबकि पड़ोसी नेपाल में (56 प्रतिशत), पाकिस्तान(36 प्रतिशत), बांग्लादेश(33 प्रतिशत) में यह रफ्तार...
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बढ़ती आबादी का सच और मौजूदा चुनौतियां- ज्ञानेन्द्र रावत
दुनिया की आबादी सात अरब को पार कर चुकी है और बढ़ोतरी जारी है। फिलहाल दुनिया की आबादी में हर साल आठ से नौ करोड़ की वृद्धि हो रही है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भविष्य में कुछ बड़े अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देश ही वैश्विक आबादी को तेजी से बढ़ाएंगे। इनमें भारत भी शामिल है, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला दूसरा देश है। आने वाले 10-12...
More »शहरों में बढ़ेगा बढ़ती आबादी का बोझ- ज्ञानेन्द्र रावत
दुनिया की आबादी सात अरब को पार कर चुकी है। इसमें हर साल आठ से नौ करोड़ की वृद्धि चिंतनीय है। संयुक्त राष्ट्र की मानें, तो भविष्य में भारत को मिलाकर कुछ बड़े अफ्रीकी और दक्षिण एशियाई देश वैश्विक आबादी तेजी से बढ़ाएंगे। भारत सबसे बड़ी आबादी वाला दुनिया का दूसरा देश है। आने वाले 10-12 वर्षों में भारत चीन से आगे निकल जाएगा। आशंका है, 2060 में भारत की...
More »मैला ढोने वाले- आज भी 18.06 लाख भारतीय इस काम के साथ जीने को हैं मजबूर
देश में सिर पर मैला ढोने जैसा अमानवीय चलन आज भी पूरी तरह रुक नहीं पाया है। शुक्रवार को जारी सामाजिक, आर्थिक, जाति आधारित जनगणना (एसईसीसी) 2011 के मुताबिक, ग्रामीण भारत में औसतन 0.10 फीसदी लोग सिर पर मैला ढोते हैं। यानी करीब 18.06 लाख लोग यह काम कर रहे हैं। आजादी मिलने के बाद से ही कई सरकारों ने इसे खत्म करने को कानून बनाए लेकिन यह चलन जारी...
More »घरेलू कामगारों के प्रति तंग नजरिया- सुभाषिनी सहगल अली
किसी एक 'दिन' पर मचे सरकारी और गैर-सरकारी शोर में दूसरा उतना ही महत्वपूर्ण या शायद उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण 'दिन' पूरी तरह से छिप जाता है। 16 जून को पड़ने वाले 'अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस' के साथ ऐसा ही हुआ है। 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' पर मच रहे कोलाहल ने देश भर मे अपनी मेहनत के बल पर संपूर्ण अर्थव्यवस्था के बहुत बड़े हिस्से को कायम रखने वाली करोड़ों गरीब...
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