देश-दुनिया की तमाम सरकारों और नीति-निर्माताओं के लिए आज यह याद करने का दिन है कि जनसंख्या और उससे जुड़े मसलों का हल उनकी विकास-नीतियों के मूल में होना चाहिए। भारतीय संदर्भ में देखें, तो 1920 के दशक तक हमारे हिस्से में अत्यधिक जन्म-दर और मृत्यु-दर रही है, पर उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट देखी गई। जन्म-दर, मृत्यु-दर और जनसंख्या वृद्धि का परस्पर संबंध किसी देश की जनसंख्या का...
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जन धन योजना के तहत खुले करीब साढ़े छह करोड़ खाते सक्रिय नहीं: केंद्र
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंकों में अब तक 35.99 करोड़ खाते खोले गए जिनमें 29.54 करोड़ खाते सक्रिय हैं. वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना 28 अगस्त 2014 को प्रारंभ की गई थी. उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 26...
More »नोटबंदी से पहले की तुलना में करीब 22 फीसदी नकदी बढ़ी
नई दिल्ली: नोटबंदी से पहले की तुलना में 31 मई 2019 तक प्रचलन में मुद्रा (करेंसी इन सर्कुलेशन) यानि कि नकद राशि 22 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी के साथ 21.71 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 25 जून को राज्यसभा में ये जानकारी दी. सपा सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद के एक सवाल के जबाब में सीतारमण ने बताया कि नोटबंदी...
More »गरीब की मौत पर तमाशा-- शशिशेखर
राजनीतिज्ञों का एक बड़ा वर्ग यह कहकर मूंछें ऐंठता आया है कि 2005 से 2015 के बीच भारत ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी के अभिशाप से मुक्त किया और देश में गरीबी 50 फीसदी से घटकर 28 प्रतिशत तक आ गई। अगर यह सच है, तो फिर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साल-दर-साल इतनी बड़ी संख्या में अकाल मौत के शिकार होने वाले लोग कौन हैं? आपको जानकर आश्चर्य...
More »श्रम संकट से जूझते जापान की बढ़ती उलझनें
इन दिनों जब भारत समेत एशिया और अफ्रीका के कई देशों से आबादी के तेजी से बढ़ने की खबर आ रही है, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने स्वीकार किया है कि जापान में जन्म-दर में भारी गिरावट के कारण वहां की जनता जिस तरह तेजी से बूढ़ी हो रही है, वह घोर चिंता का विषय है। उन्होंने इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए सुधार के कई कदम उठाने...
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