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बंजर खेत भी उगलेंगे सोना

हल्द्वानी(नैनीताल)। वनाच्छादित उत्तराखंड की 4.50 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि भी अब सोना उगलेगी। मनरेगा से डबटेल कर कृषि विभाग ने एक ऐसी योजना बनायी है, जिससे किसान अपनी बंजर भूमि पर खेती कर अतिरिक्त पारिश्रमिक भी अर्जित कर सकेंगे। बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने का तरीका किसानों को कृषि विभाग समझाएगा। कम से कम पचास नाली बंजर का सुधार करने पर किसानों को उससे उपजी फसल तो प्राप्त होगी ही,...

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प्राथमिकता वाले क्षेत्र में ऋण को बने टास्क फोर्स

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में दिये जाने वाले ऋण की गति में सुधार के लिए टास्क फोर्स के गठन की मांग की है। केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में सोमवार को पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों और बैंकों के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह मसला उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि, आवास, अल्पसंख्यकों, कमजोर वर्गो, शिक्षा ऋण यानी प्राथमिकता क्षेत्रों...

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दाल से टूटता रोटी का नाता

नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...

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पांच वर्षो में कृषि क्षेत्र में सबसे कम वृद्धि

नई दिल्ली। सूखे के कारण देश के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2009-2010 में 0.2 प्रतिशत की रही है, जो पिछले पांच साल में वृद्धि दर का सबसे कम आंकड़ा है। वित्त वर्ष 2008-09 में कृषि एवं सहायक क्षेत्रों की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही थी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बेशक कम रही हो, लेकिन केंद्रीय सांख्यिकी संगठन [सीएसओ] के पहले के अनुमान के मुकाबले में यह अधिक रही है। सीएसओ...

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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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