भारत सरकार एक ओर जब देश के गांवों में सेना और वायुसेना तैनात कर लोगों के संघर्ष को दबाने पर विचार कर रही है तो दूसरी ओर शहरों में कुछ विचित्र घटनाएं देखने में आ रही हैं। बीते 2 जून को मैंने मुंबई में कमेटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (सीपीडीआर) द्वारा आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया। अगले दिन तमाम अखबारों और टीवी चैनलों पर इसकी सही कवरेज हुई। इसी दिन...
More »SEARCH RESULT
रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज
नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
More »बिजली 10.66 प्रतिशत महंगी
भोपाल। महंगाई की मार झेल रहे आम जनता की मुश्किलें उस समय और बढ़ गईं जब प्रदेश के सभी वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर आगामी एक जून से 10.66 प्रतिशत बढ़ा दी गई हैं। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सदस्य के.के.गर्ग ने आज यहां संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए बताया कि तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने विद्युत उत्पादन की दरों में वृद्धि को देखते हुए नियामक आयोग के समक्ष विद्युत...
More »दलित व ब्राह्मण में भेद नहीं करती बीपीएल सूची
पटना पटना जिले की पारिवारिक सर्वेक्षण सूची 'हड़बड़ी में ब्याह कनपटी में सिंदूर' का प्रमाण बन गयी है। ऐसा लगता है कि नगर निगम क्षेत्र में बीपीएल सूची बनाने में जातीय भेदभाव को समाप्त कर दिया गया है। बीपीएल सूची बनाने वालों ने तो यहां दलित-ब्राह्माण, यादव और वैश्य में कोई अंतर ही नहीं छोड़ा। हद तो यह है कि महिलाएं भी कई जगहों पर बाप बना दी गयी हैं। पटना नगर निगम की बीपीएल...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
More »