विगत 26 अप्रैल को ऑस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो (एडबल्यूबी) ने कहा कि प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह गरम होने की वजह से अल नीनो के भारत आने की आशंका सामान्य से तीन गुना ज्यादा है। इससे देश के दक्षिण-पश्चिम मानसून पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। इसी तरह की चिंताजनक बात भारतीय मौसम विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में कही है। कहा गया है कि इस वर्ष अल नीनो की वजह से...
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सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »निजी स्कूलों में लूट की छूट देने वाली गाइडलाइन - अनिल सदगोपाल
पहले तो मध्य प्रदेश सरकार सालों तक सोती रही, लेकिन जब निजी स्कूलों की बेलगाम लूट से पीड़ित अभिभावकों के पक्ष में चंद कलेक्टर जाग गए और अपने संवैधानिक दायित्व का पालन करने लगे तो सरकार ने निजी स्कूलों का पक्ष लेते हुए कलेक्टरों पर ही अंकुश लगाने का हैरतअंगेज काम किया। दूसरी ओर, सरकार कलेक्टरों की सक्रियता और अभिभावकों में बढ़ते आक्रोश से इतनी घबड़ाई कि अपनी फाइलों में...
More »65 हजार करोड़ के निवेश से हो गये वंचित
झारखंड में जब तक जमीन की समस्या का कोई रास्ता नहीं निकलता, इस राज्य को विकसित राज्य बनाना मुश्किल होगा. राज्य बनने के बाद अनेक कंपनियों ने झारखंड आना चाहा, लेकिन अधिकांश को जमीन नहीं मिल पायी. एमओयू होते गये लेकिन ये जमीन पर नहीं उतारे गये. 37 स्टील कंपनियों ने तो एमओयू वापस ले लिया या रद्द कर दिया. अगर ये कंपनियां यहां लग गयी होती तो न सिर्फ...
More »बाबा साहेब का सपना - सतीश देशपांडे
हमारे समय की विडंबना है कि एक युग-व्यापी समाज चिंतक की भूमिका में डॉ बाबा साहेब आंबेडकर के ‘अच्छे दिन' अब आते लग रहे हैं। उनके एक सौ चौबीसवें जन्मदिन के अवसर पर हम उनकी बढ़ती प्रासंगिकता में यह सांत्वना ढूंढ़ सकते हैं कि हमारे पश्चिम-परस्त, ब्राह्मणवादी बुद्धिजीवी जगत में देर है अंधेर नहीं। आधी सदी की ‘रुकावट' के लिए खेद है, मगर देर-सवेर डॉक्टर साहेब को अपना मुनासिब स्थान...
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