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पिछड़ा कहलाने की होड़ क्यों?--- अनुपम त्रिवेदी

पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न भागों में आरक्षण की मांग लगातार उठ रही है. परंपरागत रूप से समृद्ध समझे जानेवाले वर्ग भी आज पिछड़ा कहलाने की होड़ में हैं. हरियाणा के समृद्ध जाट, दुनिया के हर हिस्से में फैले गुजरात के मेहनतकश पटेल, कभी जमींदार रहे आंध्र प्रदेश के कप्पू , गौरवशाली अतीत वाले मराठा और कभी राजसी ठाठ-बाट के मालिक रहे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के...

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बेकार की डिग्री देने वाले स्कूलों के जाल में ना फंसें छात्र : राजन

नोएडा : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने छात्रों को शिक्षा ऋण को लेकर आगाह करते हुए आज कहा कि उन्हें ‘ठगने वाले स्कूलों' के झांसे में नहीं आना चाहिये. ये स्कूल उन्हें कर्ज के बोझ में डुबा देंगे और ‘डिग्री' भी ऐसी देंगे जो किसी काम की नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के शोध विश्वविद्यालयों में निकट भविष्य में शिक्षा महंगी होगी. उन्होंने कहा कि सभी...

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गांवों में किफायती व गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूलिंग

यह बात वर्ष 2002 की है़ आइआइटी मद्रास से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर इनफोसिस में नौकरी कर रहे उमेश मल्होत्रा टीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, जो ग्रामीण परिवेश में रहनेवाले बच्चों की शिक्षा से जुड़ा था़ तब उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न ऐसे क्षेत्रों में लाइब्रेरी की शुरुआत की जाये, जिनमें बच्चे अपनी मर्जी से किताबें लेकर उन्हें पढ़ सकें. इस योजना पर...

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आ रही है टेक्नोलॉजी की आंधी!- संदीप मानुधने

हम सब विभिन्न टेक्नोलॉजी यंत्रों के साथ काफी अभ्यस्त हो चुके हैं. हमें अच्छा लगता है जब न्यूनतम प्रयास में अधिकतम आउटपुट हम निकाल पाते हैं. 1980-90 के दशकों में कार्यरत रहे प्रोफेशनल्स से पूछिए कि कितना पसीना केवल फोन लगाने एवं फैक्स प्राप्त करने में लग जाता था! काम को दरकिनार कर केवल संपर्क साधने में एवं दूसरों से दस्तावेज टाइप करवाने में (और प्रतिलिपियां बनवाने में) ही कितनी...

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किसानों के अनुभव : समाज को निबटना होगा सूखे से, सरकार के भरोसे नहीं

लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...

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