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मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अभी दूर है

 भारत में मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अब भी बहुत दूर है। उच्च मातृ मृत्यु अनुपात महिलाओं की खराब प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा समाज में उनकी भयावह स्थिति को भी दर्शाता है। सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ताजा जारी आंकडे बताते हैं कि मातृ मृत्यु अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। मातृ मृत्यु अनुपात जहां साल 1997-98 में 398.0 था, वहीं वर्ष 2015-17 में ये आंकड़ा 122.0...

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पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के बारे में भारत का दावा कितना सही?

क्या पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में ग़ैर-मुसलमान आबादी यानी अल्पसंख्यकों के बारे में भारत सरकार का दावा सही है? भारत की संसद ने अपने तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए ग़ैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता प्रदान करने वाला एक विवादास्पद विधेयक पारित किया है. इसके तहत भारत में अवैध रूप से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अगर यह साबित कर सकते...

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पी साईंनाथ: कितनी आज़ाद है ग्रामीण पत्रकारों की कलम?

मैं पांच भाषाओं में बराबर खराब बोल सकता हूं. यहां मैं मुंबइया हिंदी में बोलूंगा. आप लोगों ने सम्मान दिया, किताब रिलीज करने को बुलाया, यह मेरे लिए सम्मान की बात है क्योंकि ग्रामीण भारत के बारे में बहुत कम छपता है. इस किताब में दस राज्यों से रिपोर्टें हैं. ये वे दस राज्य हैं जहां देश की आधी आबादी, करीब साठ−सत्तर करोड़ लोग रहते हैं. इसलिए ये बहुत अहम...

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हर चार टीबी मरीजों में से एक भारत का; कुपोषण बड़ा कारण है टीबी का

ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रिपोर्ट 2019 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक टीबी बीमारी के लिए पांच कारण पाए गए हैं जिसमें से सबसे बड़ा कारण अल्प पोषण का है, यानी कम भोजन मिलना। वर्ष 2018 के दौरान भारत में करीब 7 लाख टीबी मामले अल्प पोषण के कारण पाए गए हैं। अन्य चार टीबी होने के जोखिमों में शराब पीना, धूम्रपान, मधुमेह और एचआईवी का होना शामिल है। डा. शाह आलम खान (एम्स, नई...

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मोदी के आरसीईपी पर अच्छे राजनीतिक कदम का मजाक न उड़ाएं, यह इन दिनों दुर्लभ है - योगेंद्र यादव

सात साल से चल रही बातचीत पर मंजूरी की मोहर लगाने के लिए बुलाए गए बैंकॉक सम्मेलन के ऐन बीच में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से बाहर रहने का फैसला लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय दिया है. आरसीईपी से बाहर रहना सचमुच बहुत बड़ा फैसला है. आरसीईपी मुक्त-व्यापार का कोई साधारण समझौता नहीं. यह चीन, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा पूर्वी एशिया...

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