लेहमन ब्रदर्स के पतन की 10वीं वर्षगांठ पर उम्मीद के मुताबिक विचारों की बाढ़ दिखी है। गुणा-भाग इन सवालों पर हो रहे हैं कि इस संकट की वजह क्या थी? क्या बेहतर तरीके से इससे निपटा गया, और हमने इससे किस तरह के सबक सीखे? ज्यादातर लेखों की बुनियाद समान है, सिवाय एक को छोड़कर, जो पूरी तरह मूल विचार लग रहा है। इसे पेश किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष...
More »SEARCH RESULT
गांवों-शहरों का बुनियादी ढांचा-- वरुण गांधी
अहमदाबाद से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भावनगर के किसान स्थानीय शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने गांव को शहरी सीमा में शामिल किये जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसा ही विरोध सूरत, हिम्मतनगर और मोरबी-वांकानेर के करीबी गांवों में भी देखने में आया है. यह असामान्य रुख है. ऐसा लग रहा है कि शहरीकरण के फायदों को ठुकराया जा रहा है. इस दौरान, भारत के शहरी...
More »अलोकतांत्रिक भारत और आरक्षण--- केसी त्यागी
गत सप्ताह एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध करते सवर्णों द्वारा ‘भारत बंद' का आह्वान किया गया था. इस मुद्दे पर भी बयानबाजी के जरिये अगड़ी-पिछड़ी जातियों को बांटने की राजनीतिक पहल हुई. यह पहली घटना नहीं है. पिछड़ों को प्राप्त आरक्षण समाप्त करने, अगड़ों के साथ पक्षपात करने जैसे भ्रामक दुष्प्रचार बतौर हथकंडे समय-समय इस्तेमाल होते रहे हैं. समझना होगा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15-4 के तहत...
More »कभी बीड़ी बनाती थी गरीब लड़की, अब बनेगी डॉक्टर
कहते हैं कि अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो राह में आने वाली हर परेशानी हार मान लेती है. कुछ ऐसी ही कहानी है पश्चिम बंगाल की रहने वाली मौसमी खातून की. जिसकी पढ़ाई में तो दिलचस्पी थी, लेकिन पैसों की कमी होने के कारण आगे बढ़ने की राह नहीं मिल रही थी. फिर भी निराश होने की बजाए उसने हिम्मत रखी और मेहनत से पढ़ाई को...
More »तेल कीमतों में कमी के आसार नहीं-- अभिजीत मुखोपाध्याय
नवंबर, 2014 के बाद पहली बार इस साल मई में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गयी थी. आंकड़े इंगित करते हैं कि अमेरिका, जापान और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन कर रही है. इस कारण तेल की मांग बढ़ रही है. फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर के आसपास है. इसका दूसरा पहलू यह है कि आपूर्ति को नियंत्रित...
More »