नई दिल्ली। सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) पर दूरगामी असर डालने वाले एक फैसले में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि आरटीआइ आवेदकों को सूचना मांगने की वजह बतानी चाहिए। साथ ही उसने एक प्रमुख मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत पर पंजीयन कार्यालय को फाइल नोटिंग उजागर करने से भी छूट दे दी है। जस्टिस एन पॉल वसंतकुमार और के रविचंद्रबाबू के खंडपीठ ने कहा कि किसी भी आवेदक को...
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कानून, कारागार और कैदी- केपी सिंह
जनसत्ता 19 सितंबर, 2014: उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में व्यवस्था दी है कि उन विचाराधीन आरोपियों को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए जिन्होंने अपने ऊपर लगे अभियोग की संभावित अधिकतम सजा का आधा समय बतौर आरोपी जेल में व्यतीत कर लिया है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि जिला न्यायिक सेवा प्राधिकरण से संबंधित न्यायिक अधिकारी अपने अधिकार-क्षेत्र में प्रत्येक कारावास पर जाकर इस प्रकार के...
More »अंतहीन यातनाओं से गुजरते विचाराधीन कैदी- सुभाष गताडे
पिछले दिनों विचाराधीन कैदियों का मसला तब सुर्खियों में आया, जब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश की अलग-अलग जेलों का अध्ययन कर बताया कि भारत में 65 फीसदी से ज्यादा कैदी विचाराधीन मामलों में बंद हैं। उसने विचाराधीन कैदियों की संख्या के मामले में भारत को दुनिया के 10 सबसे 'खराब' देशों में शामिल किया है। वर्ष 2012 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, जेलों में 2.5...
More »बूढ़े-माता पिता को गुजारा भत्ता पाने के लिए देने होंगे पांच रुपये
रांची : बूढ़े-माता पिता को बच्चों से गुजारा भत्ते का दावा करने के लिए बतौर फीस पांच रुपये चुकाने होंगे. साथ ही पुलिस को अपने-अपने इलाके में रहनेवाले बुजुर्ग लोगों की सूची बनानी होगी. उसकी सुरक्षा का ख्याल रखना होगा. राज्य सरकार ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली में यह प्रावधान किया है. सरकार की तैयार नियमावली के अनुसार बूढ़े माता-पिता की देखभाल की स्थिति में...
More »वृद्ध माता-पिता की अनदेखी करने पर देना होगा 10 हजार तक गुजारा भत्ता
रांची: झारखंड मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण नियमावली, 2014 को स्वीकृति दे दी. इसके तहत अब वृद्ध माता-पिता की देखभाल करना अनिवार्य होगा. नहीं करनेवालों से सरकार अधिकतम 10 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा-भत्ता दिलवायेगी. इसके लिए पीड़ित माता-पिता कोट्रिब्यूनल में आवेदन देना होगा, जिसका गठन जल्द होगा. राज्य सरकार इस नियम को प्रभावी बनाने के लिए एक समिति भी गठित करेगी. समाज...
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