लंदन. दुनिया की 60 करोड़ की आबादी का वजूद 21 वीं सदी की शुरुआत तक मिट सकता है। इसकी वजह है ग्लोबल वॉर्मिंग (धरती का बढ़ता तापमान)। ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते इस समय समुद्र का स्तर पिछले 2,100 सालों में सबसे ज़्यादा तेजी से बढ़ रहा है और 21 वीं सदी तक समुद्र में पानी का स्तर 190 सेंटी मीटर तक बढ़ने की आशंका है। वैज्ञानिकों का दावा है कि समुद्र का...
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बदल रहे हैं, गांव, देहात और जंगल- हरिवंश
फ़रवरी 2008 में चतरा के नक्सल दृष्टि से सुपर सेंसिटिव गांवों में जाना हुआ. साथ के मित्रों के भय और आशंका के बीच, देर शाम तक घूमना हुआ. सूनी सड़कों पर मरघट की खामोशी के बीच. तब तक लिखा यह अनुभव भी छपा नहीं. पाठक पढ़ते समय ध्यान रखें यह फ़रवरी 2008 में लिखी गयी रपट है. कभी डालटनगंज-चतरा के इन इलाकों में खूब घूमना हुआ. समाजवादी चिंतक, अब बौद्ध अध्येता व...
More »परिवार ने दिया साथ तो पाताल खोद बहा दी गंगा : संजीत कुमार मिश्र
कतरास।‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’। इस बानगी को सत्य कर दिखाया है शहर के एक परिवार ने, जिसने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छा शक्ति की बदौलत ऐसा कारनामा कर दिखाया है,जो इलाके में लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है। यह परिवार है, गुजराती मोहल्ला में रहने वाले विनोद गुप्ता, जिन्होंने अपने परिजनों के सहयोग और परिश्रम...
More »नदियों के सूबे में पेयजल का संकट- महिपाल कुंवर(तहलका)
उत्तर भारत की अधिकांश बारहमासी नदियों का उद्गम स्थल होने के बावजूद उत्तराखंड में गर्मी का मौसम शुरू होते ही पेयजल संकट पैदा हो गया है. इससे ग्रामीण के साथ-साथ शहरी इलाकों के लोग भी जूझ रहे हैं. देहरादून से महिपाल कुंवर की रिपोर्ट पिछले साल पर्याप्त बारिश और बर्फबारी के बावजूद भी उत्तराखंड की कई बस्तियां बढ़ती गर्मी में पानी के लिए तरस रही हैं. उत्तराखंड उत्तर भारत की अधिकांश...
More »गर्मी में जल संकट से परेशान है आधा प्रदेश
जागरण ब्यूरो, भोपाल। गर्मी बढ़ने के साथ साथ मध्य प्रदेश में पानी का संकट विकट होता जा रहा है। एक चौथाई से ज्यादा नगरीय निकायों में हर दिन पानी दे पाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बदतर है। आदिवासी बहुल जिले धार झाबुआ में पेयजल संकट के सबसे बुरे हाल है। झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड के 77...
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