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होटलों में मिलेंगे जैविक उत्पाद : धूमल

शिमला : मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम (एचपीटीडीसी) अपने होटलों में जैविक भोजन व अन्य जैविक उत्पाद उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जैविक खेती को विशेष प्राथमिकता प्रदान कर रही है। किसानों को पारंपरिक जैविक कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ-साथ घर-द्वार पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री वीरवार को इंदिरा गांधी खेल परिसर...

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स्कूलों को यूपी बोर्ड की एक और सौगात

लखनऊ। सुधारों और उदारीकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए यूपी बोर्ड ने स्ववित्तापोषित स्कूलों को नया तोहफा दिया है। यूपी बोर्ड से कक्षा नौ व दस की मान्यता लेने वाले स्ववित्तापोषित स्कूलों को अब कक्षा छह, सात व आठ भी चलाने की अनुमति होगी। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने रंगनाथ मिश्र मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके कई फायदे...

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किसानों को 15 जुलाई तक खरीफ को सहकारी ऋण

इस वर्ष खरीफ में काश्तकारों को सहकारी बैंकों के माध्यम से चार हजार 500 करोड़ रुपये के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जायेंगे। यह गत वर्ष की तुलना में दुगुने होने के साथ ही किसी एक वर्ष में सहकारी बैंकों द्वारा काश्तकारों को वितरित फसली सहकारी ऋणों में सर्वाधिक होंगे। यह जानकारी मंगलवार को यहां सचिवालय में सहकारिता विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के दौरान सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव आर.के. मीणा और रजिस्ट्रार मुकेश शर्मा...

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इस बार भी घोंघा खाने की मजबूरी

मुजफ्फरपुर [जागरण टीम]। उत्तर बिहार में बाढ़ हर साल भूख और कुपोषण की पीड़ा लेकर आती है, लोग दाने-दाने को मोहताज हो जाते हैं, इस बार भी यही तमाशा दिखने वाला है। मधुबनी व दरभंगा के कोसी पीड़ित इस बार भी पानी के 'फल-फूल' यानी भेंठ, सारूख, कमलगोट्टा के साथ मछली, केकड़ा, कछुआ, घोंघा और सितुआ को ही आग में भूनकर खाने को विवश होंगे। तीन माह तक अन्न के दाने से वंचित रहने...

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कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...

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