मोदी सरकार कोई दो साल से सत्ता में है और अर्थव्यवस्था को विकास के पथ पर अग्रसर करने की उसकी प्रतिबद्धता पर संदेह नहीं किया जा सकता। कारोबारी वर्ग ने भी सरकार के सुधारवादी कदमों को सराहा है। लेकिन अब जरूरत इस बात की है कि हम यह आकलन करें कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न् कदमों से हमें कितना लाभ हुआ है। यह सच है कि अर्थव्यवस्था में निरंतरता...
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निर्यात और विनिर्माण की स्थिति कैसे सुधरे-- जयंतीलाल भंडारी
मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में यह संभावना उभर रही है कि इस वर्ष निर्यात और विनिर्माण के क्षेत्र को बजट आबंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। पिछले 14 महीनों से देश के निर्यात में लगातार गिरावट आ रही है। वर्ष 2015 में निर्यात बढ़ाने के प्रयास कारगर सिद्ध नहीं हुए हैं। पिछले वर्ष 2015 में निर्यात में वर्ष 2014 की तुलना में 20 फीसदी कमी आई है और मंद होती वैश्विक अर्थव्यवस्था...
More »युवा, लाभांश और देश का भविष्य- संदीप मानुधने
देश में कहीं भी जाइये, चारों ओर अगर चुनौतियों के अलावा कोई और चीज साफ नजर आयेगी, तो वह है युवा! हर युवा की आंखों में एक चमक है- कोई अपना स्टार्टअप करके देश बदलने का स्वप्न देख रहा है (आखिर इस साल की ताजतरीन मिठाई जो ठहरी!), कोई विदेश जाने का (इतनी अच्छी लाइफ यहां कैसे मिलेगी!), तो कोई आइएएस बन कर प्रशासनिक क्रांति लाने का सपना देख रहा...
More »मौजूदा विकास मॉडल में गांवों की जगह- मुकुल श्रीवास्तव
खुली अर्थव्यवस्था, खर्च करने के लिए तैयार विशाल आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था-ये सारी चीजें एक ऐसे भारत का निर्माण कर रही हैं, जहां व्यापार करने की अपार संभावनाएं हैं। इसके बावजूद आंकड़ों में अभी भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के व्यापार के लिए आदर्श देश नहीं बन पाया है। मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के शहर अब भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे...
More »रोजगार बढ़ाने की बड़ी चुनौती-- भरत झुनझुनवाला
आगामी बजट में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देने पर विचार हो रहा है। जिन उद्योगों द्वारा नए रोजगार सृजित किए जाएंगे, उन्हें आयकर में छूट दी जाएगी। यह खुशी की बात है। फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है अन्यथा रोजगार उत्पन्न् नहीं होंगे और उद्यमियों द्वारा इनकम टैक्स की छूट का दुरुपयोग कर लिया जाएगा। मान लीजिए एक उद्योग है जिसमें 1000 श्रमिक कार्यरत हैं। उद्योग द्वारा 10 करोड़...
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