एक ऐसे समय में जब महंगाई ऐतिहासिक ऊँचाई छू रही है, यह कयास लगाना मुश्किल नहीं कि बुजुर्गों के लिए जीवन जी पाना सबसे ज्यादा कठिन साबित हो रहा है। पेंशन परिषद द्वारा जारी एक वक्तव्य के अनुसार फिलहाल देश में 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों को सरकार की तरफ से सामाजिक सुरक्षा के नाम पर 200 रुपये का मासिक वृद्धावस्था पेंशन मिलता है और उम्र की आठ...
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आधी आबादी की राजनीतिक हिस्सेदारी- अरविन्द मोहन
चुनाव आते ही अगर सभी दलों और सचेत लोगों को महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व का मसला याद आने लगता है, तो यह महिलाओं के प्रति उनके अनुराग या देश में महिलावादी आंदोलन का जोर बढ़ने का नतीजा नहीं है. अभी तक महिलाओं का अपना आंदोलन शहरों को छोड़ कर कहीं नहीं गया है. असल में इसका कारण हाल के चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी है. बीते दो-ढाई दशक में अगर...
More »बुजुर्गों की दीन-दशा और दिल्ली में पेंशन परिषद का धरना
एक ऐसे समय में जब महंगाई ऐतिहासिक ऊँचाई छू रही है, यह कयास लगाना मुश्किल नहीं कि बुजुर्गों के लिए जीवन जी पाना सबसे ज्यादा कठिन साबित हो रहा है। पेंशन परिषद द्वारा जारी एक वक्तव्य के अनुसार फिलहाल देश में 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों को सरकार की तरफ से सामाजिक सुरक्षा के नाम पर 200 रुपये का मासिक वृद्धावस्था पेंशन मिलता है और उम्र की आठ दहाई पार कर चुके बुजर्गों...
More »घरेलू महिला हिंसा पर चुप्पी अब और नहीं
मित्रो, महिलाओं के प्रति हिंसा की घटनाओं पर देश-दुनिया में जितनी चिंता की जा रही है, घटनाओं की संख्या उतनी ही बढ़ रही है. इसकी बड़ी वजह है सामाजिक हस्तक्षेप की कमी. दिल्ली गैंग रेप जैसी बड़ी घटना जब होती है, तब देश भर में लोग सड़कों पर उतर आते हैं. मीडिया से न्यायपालिका तक की सक्रियता बढ़ जाती है. जनसंगठन और राजनीतिक दल भी जनाक्रोश के साथ होते हैं. यह उचित...
More »‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं आजाद हो गई हूं’
हाल ही में दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत से छुड़ाई गई दो लड़कियों की कहानी तहलका की उस पड़ताल की पुष्टि करती है कि असम के लखीमपुर से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके उन्हें बंधुआ मजदूरी के नरक में धकेला जा रहा है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उत्साह और ऊर्जा से भरी 17 साल की जुलिता को देखकर पहली नजर में यकीन करना मुश्किल है कि वह अभी-अभी बंधुआ मजदूरी,...
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